डा० राजेंद्र कुकसाल। उद्यान विशेषज्ञ। कलासन नर्सरी फार्म द्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण विकास खंड के चोपड़ा (नौगांव) में स्थापित सेबाग फार्म सेब बागवानों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उत्तरीय ढाल, 1738 मीटर की ऊंचाई एवं जंगल से घिरे सेब के लिए अनुकूल जलवायु वाले इस बगीचे की स्थापना बर्ष 2023 में […]Continue Reading
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रिपोर्ट विक्रम पटवाल पौडी आज कल्जीखाल बाजार में खाद्य सुरक्षा अधिकारी रचना जी द्वारा औचिक निरिक्षण किया गया एवं दुकानदारों को एवं ग्राहकों को सामान लेते समय या देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में जानकारी दी उन्होंने बाजार में दुकानदारों के फूड लाइसेंस जो खत्म हो गए थे उनको हाथों […]Continue Reading
डा० राजेंद्र कुकसाल। नीम्बूवर्गीय फल पौधौं का उम्र पूरी होने से पहले 10-15 बर्षों बाद ही कमजोर हो कर सूखने को सिट्रस डिक्लाइन (citrus decline) या डाइवैक (die back) कहते हैं। इस रोग में रोगी शाखायें शीर्ष से लेकर नीचे की ओर सूखने लगती है , पत्तियां समय से पहले पीली होकर गिरने लगती है,फूल […]Continue Reading
डा ० राजेंद्र कुकसाल। मो ० 9456590999 बीस -तीस सालों से नवम्बर-दिसम्बर माह आते ही हर बर्ष विपणन की समस्या को लेकर माल्टा फल चर्चाओं में आ जाता है। कभी गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा माल्टा बेचने की बात हुई ,कभी तिलवाड़ा जनपद रुद्रप्रयाग में गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा माल्टा फल के […]Continue Reading
डा० राजेंद्र कुकसाल। मोo 9456590999 जलवायु व समुद्र तल से ऊंचाई के आधार पर फल पौध का चयन करें। 1200-1600 मीटर के ऊचाई वाले स्थानों में आडू,प्लम ,खुबानी का रोपण करें। 1600 मीटर से अधिक ऊचाई वाले स्थानों में आड़ू प्लम खुवानी नाशपाती अखरोट व सेब के पौधे लगायें। भूमि का चुनाव एवं मृदा परीक्षण- […]Continue Reading
डा० राजेंद्र कुकसाल। सेब के पौधों में लगने वाले रोगों में कैंकर एक मुख्य रोग है। योजनाओं में अन्य राज्यों से रोग से संक्रमित पौधों की आपूर्ति एवं सेब के लिए विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में पौधों के रोपण के कारण कैंकर रोग उत्तराखंड में तेजी से फैल रहा है। यह रोग गर्म क्षेत्रों में अधिक […]Continue Reading
अजोला Azolla सस्ता एवं पौष्टिक आहार। रिपोर्ट डा० राजेंद्र कुकसाल। मो० 9456590999 उत्तराखंड में युवा पोल्ट्री व मत्स्य पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं ,पहाड़ी क्षेत्रों में मुर्गियों व मछलियों का चारा महंगा पड़ता है जिसकारण इस व्यवसाय में लागत अधिक आने से लाभ कम मिल पाता है।अजोला की खेती/ उत्पादन […]Continue Reading
डा० राजेंद्र कुकसाल। उतराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में 1500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों मै खेतो के किनारे गधेरों के आसपास नम स्थानों पर प्रत्येक गांव मै अखरोट के पौधे नज़र आते हैं। बगीचे के रुप मै अखरोट के बाग राज्य में दिखने को नही मिलते हैं । इसके कई कारण हैं। 1- कलमी […]Continue Reading
रिपोर्ट विक्रम पटवाल, कल्जीखाल आज कल्जीखाल बाजार में दीनदयाल राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अन्तर्गत कल्जीखाल ब्लॉक के कनिष्क उप प्रमुख श्री अर्जुन सिंह पटवाल एवं सहायक खण्ड विकास अधिकारी श्री सुरेश शाह नें ” मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव ” का शुभारंभ किया महिला समूहों को विपणन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए […]Continue Reading