Food उत्तराखंड

उत्‍तराखण्‍ड -नारंगी गायब ,माल्टा को भाव नहीं।

डा ० राजेंद्र कुकसाल।
मो ० 9456590999

बीस -तीस सालों से नवम्बर-दिसम्बर माह आते ही हर बर्ष विपणन की समस्या को लेकर माल्टा फल चर्चाओं में आ जाता है। कभी गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा माल्टा बेचने की बात हुई ,कभी तिलवाड़ा जनपद रुद्रप्रयाग में गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा माल्टा फल के प्रोसेसिंग की बात, कभी मटैला अल्मोड़ा में कोल्ड स्टोरेज की बात कभी किसानों को कलेक्स सेन्टर पर पहुंचाने पर 7-8-9 रुपये प्रतिकिलो समर्थन मूल्य देने की बात और अब उत्तराखंड के माल्टा से गोवा में बनेगी बाइन , माल्टा को जीआई टैग आदि इतने सारे सरकारों के प्रयास से इस बर्ष भी माल्टा उत्पादकों के चेहरे अच्छे भाव न मिल पाने के कारण उदास है। सरकारों की कोई दीर्घकालिक योजना न होने के कारण माल्टा उत्पादक हतास व निराश हैं।

एक रिपोर्ट –
उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में 1000 मीटर से 2000मीटर तक की ऊंचाई वाले स्थानों में माल्टा के बाग देखने को मिलते हैं। उद्यान विभाग के बर्ष 2019-20 के फल उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार राज्य में नीम्बूवर्गीय फल (माल्टा संतरा,नींबू आदि) के उत्पादन के अन्तर्गत कुल 21739 हैक्टेयर क्षेत्र फल है जिससे 91177 मैट्रिक टन का उत्पादन होता है।अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ पौड़ी ,चमोली, रुद्रप्रयाग, जनपदों में माल्टा का उत्पादन अधिक होता है।

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