पौडी-सिंचाई विभाग की लापरवाही एवं अकर्मण्य ढुलमुल रवैये से पैनों घाटी के लगभग दर्जन भर गांवों की खेती बंजर पड़ी है।
रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
पहले किताबों में पढ़ा था कि भारत कृषि प्रधान देश है,लेकिन अब वो कहावत व बात नहीं रही।पहले विगत नब्बे तक के दशक तक इस पैनों घाटी में धान,गेहूं आदि की फसल खूब लहलहाती थी।धान की खेती की खूशबू दूर दूर तक आती थी। लोगों को खेती कार्य से एक पल भी फुर्सत नहीं होती थी।पूरा परिवार इसी खेती पर जुटा रहता था।कुछ तो समय का परिवर्तन है,बाकी रही सही कसर सिंचाई विभाग व अन्य विभागों ने पूरी कर दी है।
रिखणीखाल प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटडी के समीप सिंचाई विभाग की नहर विगत दो साल से क्षतिग्रस्त है,जिसके लिए अनेकों बार ग्रामीण सिंचाई विभाग को पत्राचार करते रहे हैं, लेकिन विभाग धन की कमी व खजाना खाली होना बताकर अपना पल्ला झाड़ देता है।आठबाखल के आठ गाँव, बडियारगाव, कोटडी, रजबौ के लोगों का कहना है कि सितम्बर माह के अन्त तक नहर की मरम्मत, रखरखाव आदि कार्य नहीं होंगें तो सिचाई विभाग रिखणीखाल के कार्यालय पर ताला जड़ देगा।इसकी भावी रूपरेखा ग्रामीण जल्द दूसरे दौर की बैठक में फैसला लेंगें।