राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस के मौके पर बांघाट में रिवर रेचिंग अभियान के तहत नयार नदी में 50 हज़ार मत्स्य बीज छोड़ा गया।
रिपोर्ट जगमोहन डांगी पौडी
राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस के मौके पर मत्स्य विभाग व समूह पलायन एक चिंतन द्वारा बांघाट में रिवर रेचिंग अभियान के तहत नयार नदी में 50 हज़ार मत्स्य बीज छोड़ा गया। रोहू के साथ सिल्वर व गोल्डन कार्प प्रजाति का मत्स्य बीज नदी में प्रवाहित किया गया।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणा, जिला पंचायत सदस्य गड़कोट संजय डबराल व प्रधान बिलखेत सुमित्रा देवी के कर कमलों से मत्स्य बीज नयार नदी में प्रवाहित किया गया।
मत्स्य पालक दिवस के उपलक्ष्य में मत्स्य निरीक्षक पौड़ी अभिषेक मिश्रा द्वारा समूह पलायन एक चिंतन को 50 हज़ार मत्स्य बीज उपलब्ध कराया गया था, जिसे बांघाट में नयार नदी में प्रवाहित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि महेंद्र सिंह राणा ने कहा कि नदी में जब प्रचुर मात्रा में मछलियां उपलब्ध होंगी तो एंगलिंग जैसे साहसिक खेल के लिए परिस्थितियां माकूल होंगी और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को पंख लगेंगे जिससे स्थानीय स्तर पर आजीविका के साधन बढ़ने के साथ पलायन की दर में कमी आएगी। जिपं सदस्य संजय डबराल ने इस योजना से दीर्घकालीन लाभ प्राप्त होंगे। समूह पलायन एक चिंतन के उपाध्यक्ष डॉ अनिल बहुगुणा व सचिव अजय रावत अजेय ने उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एंगलिंग के लिए नयार नदी एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है, ऐसे में मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण व संवर्धन के फलस्वरूप पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। समूह के एंगलिंग एक्सपर्ट कृष्णा काला सीटू ने एंगलिंग की बारीकियों से उपस्थित लोगों को अवगत कराता। इस मौके पर प्रधान संघ द्वारीखाल के अध्यक्ष अर्जुन सिंह, सामाजिक सरोकारों से जुड़े जगमोहन डांगी आदि मौजूद थे।