रिखणीखाल प्रखंड के कयी गांवों में देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए जागर जोरों पर ।
रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल क्षेत्र के गाँवों में ग्राम नावेतल्ली,टान्डियू,तोलियोडान्डा आदि गाँवो में आजकल देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए जागर लगातार लग रहे हैं।एक ही दिन में कयी जगह जागर लग रहे हैं।क्योंकि जागर लगाने के लिए गुरूओं की भारी कमी है।इस इलाके में ग्राम द्वारी का राजू ही एकमात्र गुरू है।
अभी 14/15 जनवरी को मकर संक्रांति के सुअवसर पर लोग सागर,हरिद्वार,चित्रशिला आदि पवित्र स्थल पर नहाने के लिए जाते हैं।उसके बाद इन गाँवों में पुजाई होनी है।पुजाई के लिए ग्रामीणों ने बड़े बड़े बकरे पाले हुए हैं या खरीद कर रखे हैं।
देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए ये जागर प्रथा व बलि प्रथा कयी पीढियों से चलती आ रही है।ये जो वीडियो दिखाया जा रहा है,ये रिखणीखाल व नैनीडान्डा के सरहद पर बसा गाँव नावेतल्ली है।जागर घर के ऑगन में डेरा बनाकर लगा रहे हैं।बगल में आग की भट्ठी भी जल रही है।घर के ऑगन में छप्पर आदि लगाकर डेरा बनाते हैं।जिसने सफेद रंग की पगड़ी पहनी है वही गुरू है।
भले पलायन जोरों पर है लेकिन ऐसे मौकों पर प्रवासी भी इसमें अवश्य शामिल होते हैं।
देवी देवताओं के प्रति आस्था पहाड़ों में पहले से ही है,इसीलिए देवभूमि की पहचान है।