आखिर गरीबी का सही मानक कब होगा ग्रामीण इलाको के पात्र राशन कार्ड धारको पर लागू
सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
राशन कार्ड तो बना दिये जाते है मगर पात्र लोगों को दर किनार करके,,आखिर कोन करता है नियमो का उलंघन- सरकारी कर्मचारी या स्थानीय जनप्रतिनिधि -?
आपको बता दे कि जनपद रुद्रप्रयाग के कही गाँवो से ऐसी ही शिकायते मिल रही है काफी समय से मगर अधिकारी व कर्मचारीयो की कान मे जुउ नही रेंग रही ,,,कारण जो भी हो पर धजिया नियम-कानूनों की ही उड़ रही है ओर भुगत पात्र गरीब/असहाय लोग रहे है ।
रुद्रप्रयाग जिले के औरिग गाँव से शिकायत मिली है कि यहॉ 2 विकलांग है अविवाहित भी है,,दोनो शारीरिक व मानसिक रूप से भी बोल व चल नही सकते बिना किसी सहारे के,,,,इन्ही के साथ सरकारी राशन कार्ड मे भी मजाक सामने आ रहा है , हालाकि इनके कार्ड बनाये तो गये है वो भी एपीएल के,,,,,,,, जबकि दोनो ही लोग अंत्योदय के मानको मे आते है,,,या बीपीएल के । पर कितना बड़ा मजाक इनके साथ हुआ यह देखने व समझने की जरूरत है।
ऐसा क्यो हुआ ओर किस की गलती है इसकी जांच तो होनी ही चाहिए ,,,, इनके परिजनों का आरोप है कि जिलाधिकारी तक भी शिकायत कर दी मगर बात केवल जांच कराने तक होती है लेकिन जांच करेगा कोन–?
वही एक ऐसी महिला भी है जिनका पहले कार्ड था मगर पिछले 4-5 सालो से कार्ड ही नही बना,,, ऐसे मे गरीबो की सुध कोन लेगा,,,ओर कोन गरीबो की मदद करेगा,,जब जनप्रतिनिधि वोट लेने तक व स्वार्थ के चक्कर मे पात्र लोगों को ही भुला देते हो ।
हम उत्तराखण्ड सरकार व जिलाधिकारी जी से मांग करते है कि ग्राम पंचायत अधिकारीयो की जमीनी जबाव देही तय कराई जाये,,,ओर सही नियमो के अनुसार पात्र लोगों के कार्ड बनाये जाये ।
गीता देवी का बीपीएल कार्ड था पिछले 4-5वर्षो से कोई कार्ड नहीं है ।ग्राम डालसिंगी ,बसुकेदार की निवासी है ।
ग्राम-औरिंग ,विख-अगस्तमुनि जनपद रूद्रप्रयाग के निवासी है अन्त्योदय/बीपीएल कार्ड नही है,परिवार रजिस्टर में पृथक है ,
1-विक्रमसिंह पुत्र स्व0उदय सिंह लगभग 54वर्ष, अविवाहित ,मूकबधिर (लाटा)।
2-ठाकुर सिंह पुत्र श्री अजीत सिंह उम्र लगभग53 वर्ष अविवाहित, शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ है