रिखणीखाल-क्षेत्र पंचायत कोटड़ी बना बड़ा अखाड़ा।

रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
कोटड़ी क्षेत्र पंचायत सीट पर इस बार का चुनाव विशेष ध्यानाकर्षण का केंद्र बन गया है। रिखणीखाल ब्लॉक के पट्टी पेनो न्याय पंचायत ढोंटियाल के अंतर्गत आने वाली यह सीट कोटड़ी, बडियार और मलण गांव ग्रामसभाओं को समेटे हुए है, लगभग 692 मतदाता जिनमें कुल 11 तोक शामिल हैं। क्षेत्र में 13% अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, विगत पंचायती चुनाव में यहां 86% मतदान हुआ था जो बेहतर माना जा सकता हैं जो किसी भी प्रत्याशी की किस्मत बदलने की शक्ति रखते हैं। यहां से जीता हुआ उम्मीदवार कनिष्ठ प्रमुख या जेष्ठ प्रमुख का दावेदार होगा जो कि महिला प्रमुख आरक्षित सीट पर निर्णायक होगा। जिस के वोट की कीमत रिखणीखाल में क्षेत्र पंचायत ब्लॉक प्रमुख तय करेगा।
इस बार यह सीट इसलिए भी विशिष्ट मानी जा रही है क्योंकि प्रथम पंचायती व्यवस्था से लेकर अब तक के लगभग 75 वर्षों में पहली बार ऐसा अवसर आया है, जब यहां तीन ऐसे उम्मीदवार चुनावी रण में हैं जो स्वयं इस क्षेत्र के मूल निवासी नहीं हैं। गुड्डू पटवाल, राजेन्द्र सिंह रावत और बॉबी नेगी इन बाहरी उम्मीदवारों की अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं।
पूर्व में इस सीट पर देवेश आदमी, बबीता रावत, जयपाल सिंह रावत और उमेश देवरानी जैसे नाम चर्चा में थे, किन्तु अब इनमें से केवल बबीता रावत ही मैदान में डटी हुई हैं।
सामाजिक सक्रियता और राजनीतिक परिपक्वता के लिए पहचाने जाने वाले गुड्डू पटवाल इस चुनाव में एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं। उनके व्यक्तित्व की गंभीरता, ग्रामीण मुद्दों की समझ और संगठनात्मक पहुंच उन्हें अन्य से अलग बनाती है। क्षेत्र में उनकी उपस्थिति ने शेष प्रत्याशियों की रणनीतियों को चुनौती दी है। इस सीट पर पहले देवेश आदमी बॉबी नेगी के मध्य सीधा मुकाबला माना जा रहा था मगर देवेश आदमी के पीछे हटने गुड्डू पटवाल के इंट्री से बॉबी नेगी के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब गुड्डू पटवाल बॉबी नेगी पर भारी पड़ते दिख रहे हैं।
गुड्डू पटवाल के समर्थन में युवाओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक की सहमति देखी जा रही है। उनका सरल स्वभाव, विषय पर पकड़ और सधी हुई वाणी मतदाताओं को प्रभावित करती है। हालांकि, चुनावी रणभूमि सहज नहीं होती—यह एक ऐसी परीक्षा होती है जहां हर क्षण बदलते समीकरण किसी भी अनुमान को निष्फल कर सकते हैं।
इस चुनाव में केवल जीत-हार का निर्धारण नहीं होगा, बल्कि यह भविष्य के राजनीतिक क्षितिज की दिशा भी तय करेगा। जो भी विजयी होगा, उसके लिए क्षेत्रीय राजनीति में एक उज्ज्वल अवसर प्रतीक्षा कर रहा है। पराजित पक्ष के लिए यह अवसर एक गंभीर आत्ममंथन की घड़ी बन सकता है।
चुनाव परिणाम कुछ भी हों, किन्तु इतना स्पष्ट है कि कोटड़ी की जनता इस बार इतिहास रचने जा रही है। यह लोकतंत्र की वह भव्यता है जहां निर्णय जनता का होता है और उसका सम्मान सर्वोपरि।
अन्य खबरो के लिए नीचे लिंक पर जाए।
- युटयुब चैनलhttps://www.youtube.com/channel/UCVCkmiPBWlGDz-Vyi8c2Xlg
- फेसबुक पेजhttps://www.facebook.com/profile.php?id=61573850923722
- व्हाटअपhttps://chat.whatsapp.com/KX9oESnS9NHE5fGoUMwOs
- Contact- jagjigyasu@gmail.com 8851979611
- पहाडो मे बिखरी खेती के लिए चकबंदी एक्ट 2020 को लागु करवाये अपनी जमीने गोलखातो से अपने नाम के लिए तहसीलो को पत्र लिखे चकबंदी से ही स्वरोजगार होगा और पलायन पर लगाम लगेगे। जागरुक बने।