उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के भाषा एवं आधुनिक ज्ञान विज्ञान विभाग द्वारा हिंदी दिवस का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट कमेलश पुरोहित हरिद्वार
भाषा किसी व्यक्ति विशेष की नहीं अपितु पूरे राष्ट्र की पहचान होती है। किसी भी राष्ट्र के समग्र विकास के लिए उसकी भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। यह शब्द मुख्य वक्ता डॉक्टर अरविंद नारायण मिश्र द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर कहे गए। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के भाषा एवं आधुनिक ज्ञान विज्ञान विभाग द्वारा हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। विभाग अध्यक्ष डॉ अजय परमार ने हिंदी भाषा के ऐतिहासिक पक्ष को प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया तथा बताया कि हमारी मातृभाषा पर ब्रिटिश हुकूमत के समय से ही आघात होते रहे हैं। आज युवा पीढ़ी का यह दायित्व बन जाता है कि वह हिंदी भाषा को उसका समुचित सम्मान दिलाने में अपना सक्रिय योगदान दे। कार्यक्रम संयोजक डॉ उमेश कुमार शुक्ला ने हिंदी भाषा के संवैधानिक पक्ष पर प्रकाश डाला और बताया कि किसी भी राष्ट्र को उसकी मूल पहचान उसके प्रतीकों से प्राप्त होती है एवं इस दिशा में राष्ट्रभाषा राष्ट्रध्वज के समान ही महत्वपूर्ण हो जाती है।
विभाग के सहायक आचार्य श्री सुशील चमोली ने कहा कि हमें अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। मंच संचालन चंद्र मोहन बिश्नोई द्वारा किया गया। भाषा एवं आधुनिक ज्ञान विज्ञान विभाग के विद्यार्थी वंश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में डॉ0 विनय कुमार सेठी, अमन दुबे, नम्रता सिंह, ईशा, मनीषा, अनुज, अभिजीत, दिव्यांश, शुभम सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।