42 असम राइफल का जवान हवलदार हर्ष पाल सिंह रावत देश सेवा के साथ-साथ असम राइफल के शहीद परिवार की मदद कर रहे हैं।
जिला पौड़ी गढ़वाल विकास खण्ड नैनीडांडा ग्राम मजेड़ा तल्ला हर्ष पाल सिंह रावत 42 असम राइफल में हवलदार पद पर तैनात हैं हर्ष पाल के पिता राजेंद्र सिंह रावत हवलदार पद से गढ़वाल राइफल से सेवानिवृत्त है उनके बड़े भाई शहीद हवलदार जसपाल सिंह रावत 27 असम राइफल में तैनात थे और 19 जनवरी 2019 में मणिपुर में शहीद हो गए थे। हर्ष पाल सिंह ने नैनीडांडा ब्लाक में असम राइफल के प्रत्येक शहीद परिवार को मिलने वाली सुविधा का लाभ पहुंचा रहे हैं एंव उन्हे जानकारी ओर सहयोग देते रहते है । कयोंकि कई ऐसे परिवार थे जिन्हे जानकारी का अभाव होने की वजह से लाभ नहीं मिल रहा था । जिसमे असम राइफल में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक एक बच्चे का पढ़ाई लिखाई का खर्चा 27000 और दो बच्चों को ₹54000 मिलता है जो आज हर्ष पाल सिंह रावत की वजह से इन परिवारो को मिलता रहता है ।
कुसुम देवी पत्नी स्वर्गीय आनंद सिंह रावत निवासी दरगासी सुला देवी पत्नी स्वर्गीय धनपाल सिंह निवासी भरतपुर मंगला देवी पत्नी स्वर्गीय विजयपाल सिंह निवासी सैनिक कॉलोनी इन परिवारों को 2019 से पहले किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा था।
हर्षपाल ने इन परिवारों को ढूंढना शुरू किया छुट्टी के दौरान घर घर जाकर उनकी समस्याओं को सुना और बटालियन में उनकी समस्या को बताया आज हर्ष पाल मेहनत रंग लाई पिछले 1 साल में तीसरा बच्चा भर्ती हो गया है
धनपाल सिंह 2008 में विजय पाल सिंह 2010 में और जसपाल सिंह 2019 ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मृत्यु हो गई थी । 2008 से लेकर 2019 इन परिवारों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिला रहा था यदि हर कोई अपने गांव ग्राम सभा और यूनिट में ऐसी सोच रखने वाले हो किसी भी परिवार को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, आज हर तरफ असम राइफल की जय जय कार हो रही है असम राइफल में वीर नारियों और उनके परिवार जनों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। इससे पहले मोनिका रावत सुला देवी और मंगला देवी कहती है हर्ष पाल ने उनके बच्चों को सपनों को साकार करने के लिए पूरा सहयोग है बच्चों का फिजिकल टेस्ट मेडिकल टेस्ट सभी डॉक्यूमेंट ठीक होने के बाद ही उनको शिलांग लेकर जाते हैंकुलदीप सिंह रावत और अब सौरव बिष्ट भर्ती हो गए हैं
हर्ष पाल गांव ग्राम सभा में लगातार छुट्टी के दौरान बच्चों को ट्रेनिंग देते हैं आज ग्राम सभा मजेड़ा में हर घर फौजी एक रिकॉर्ड है
हर्ष पाल नौजवानों को ट्रेनिंग के साथ-साथ नशा मुक्ति के लिए जानकारी देते हैं हर्षपाल ने 25 साल सर्विस के दौरान किसी भी प्रकार का नशा का सेवन नहीं किया
आज ही के दिन 20 अप्रैल 1998 को गोलीखाल में भर्ती हुई थे आज 25 साल पूरे हो गए
आपको बता दे जो सुविधाऐ या कार्य हर्षपाल सिंह रावत जी कर रहे है ऐसी सुविधाऐ असम राईफल के अलावा अन्य बटालियनो मे भी होगी पर सरकारी स्तर पर यह जानकारी कोई देता नही न को मदद करता है ऐसे मे हर्षपाल सिंह रावत जी अपने समाज मे अपनी भागेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभा रहे है । जिसकी पहाडो की आवाज तहे दिल से उनका शुक्रिया अदा करता है अन्य बटालियनो मे यदि आप हैतो आप भी अपनी भागेदारी इन परिवारो मे दे।
नीचे लिंक पर आप हर्षपाल से जुडे कार्यो को भी देख सकते है।