ब्लाक प्रमुख देवाल का नशा मुक्ति संघर्ष के आगे, शराब माफियाओ का साथ दे गई सरकार
सत्यपाल नेगी/पहाड़ो की आवाज”
आखिर देवभूमि उत्तराखण्ड कहना अब बीती बाते हो गई,,,कारण देवभूमि मे अब घर-घर शराब को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है,,,
ब्लाक प्रमुख देवाल चमोली एक ऐसा अकेला जनप्रतिनिधि निकला पूरे उत्तराखण्ड मे जिसने कोरोना महामारी के संक्रमण रोकने के लिए ,,शराब की दुकानों के आगे लगने वाली भीड़ से परेशान आम जन मानस का साथ देकर खुलकर शराब बंदी का विरोध किया।, ओर मॉग भी की कि शराब हमारी देवभूमि के लिए अभिशाप है,,,, मगर देवभूमि के इस युवा ब्लाक प्रमुख की हमारे देवी-देवताओ ने भी नही सुनी,, शायद कलयुग मे देवता कहने मात्र के रहे,,,यानि शराब माफियाओ का खुला राज ,सरकार व प्रशासन को भी मंजूर है।
पुलिस प्रशासन ने इस युवा पहाड़ी पंचायत प्रमुख को उस बात को लेकर गिरफदार किया कि लॉक डाउन व सोसियल दूरी का पालन नही हुआ,,,,, लेकिन 4 व 5 तारीख को जैसी भीड़ शराब की दुकानों के आगे लगी क्या वह सोसियल डिस्टेंसिग का उलंघन नही था,, ? क्यो शराब के दुकानों के मालिको को हिरासत मे नही लिया गया-?
आखिर सरकारे ही जबरन लोगों को मौत के मुँह धकेलती जा रही है,,,तो नशा मुक्त देश/प्रदेश कैसे बनेगा ।
हालाकि ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य व अन्य सभी सदस्यो पर मामला दर्ज करने के बाद जोड़ दिया गया है।
पर सवाल यही खत्म नही होगा,,शराब को सरकारो की आमदनी का रास्ता कैसे बनाया गया,यह गम्भीर सवाल पर सभी उत्तराखण्डीयो को सोचने की जरूरत है भविष्य के लिए।