रिखणीखाल क्षेत्र के सड़क मार्गों पर “सड़क मार्ग पट्टिका ” न लगे होने से बाहरी पर्यटकों को हो रही परेशानी।

रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल के मुख्य सड़क मार्गों व सहायक सम्पर्क सड़क मार्गों पर मार्ग पट्टिकाओं के न लगने से बाहरी अनजान पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहने का तात्पर्य ये है कि सडकों के सम्पर्क मार्गों पर मार्ग संकेत लगने चाहिए। जिसमें गाँव, कस्बे का नाम दूरी व ऐरो मार्क की पट्टिका लगी हो।अधिकांश पर्यटक मार्ग की जानकारी न होने के चलते इधर-उधर सम्पर्क मार्गों के चक्कर काटकर उलझन में पड़ रहे हैं।
देखा गया है कि बसडा-तिमलसैण से 3-4 सम्पर्क सड़क मार्ग धामधार, सिरस्वाडी, बडखेत तल्ला, सौलीखान्द आदि जा रही हैं। इसी प्रकार द्वारी-भौन सड़क मार्ग पर क्वीराली, नावेतल्ली,तोलियोडांडा, सिलगाव,
चिलाऊं आदि को हैं। रिखणीखाल मुख्य मार्ग से कटकर डबराड, गलैगांव, रजबौ मल्ला, रजबौ तल्ला आदि पड़ते हैं। इन सभी सड़क मार्गों पर मार्ग संकेत आदि नहीं लगे हैं। जिससे अनजान बाहरी लोग,पर्यटक घूम-घूम कर भटक रहे हैं। भटकाव व परेशानी की स्थिति पैदा हो रही है।
यह क्षेत्र लोक निर्माण विभाग लैंसडौन व लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के कार्य क्षेत्र में पड़ते हैं। क्या ही अच्छा होता कि इन सभी सड़क मार्गों पर लोक निर्माण विभाग सड़क मार्ग पट्टिका ,मार्ग संकेत व ऐरो मार्क आदि लगाकर पर्यटकों व आम जनता को सुविधा दे।ताकि अनावश्यक परेशान न हो।
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