नैनीताल- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सुनवाई शुक्रवार को होगी।

आज हाई कोर्ट ने राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर के विरुद्ध दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई की।
कोर्ट ने सरकार की दलीलों से सहमत होते याचिकर्ताओं से आरक्षण के गलत निर्धारण से संबंधित निर्धारण से विवरण हो, तो पेश करने को कहा है। कोर्ट ने फिलहाल चुनाव प्रक्रिया पर रोक जारी रखी है, अगली सुनवाई शुक्रवार को जारी रहेगी।
संज्ञान हो की बता दें कि बीते सोमवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों पर रोक लगा दी थी और कहा कि यह अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी. मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य में पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की चक्रीय व्यवस्था को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, 10 और 15 जुलाई को दो चरणों में होने वाले इन चुनावों पर रोक लगा दी थी. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा हाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए तिथियां घोषित की गयी थीं. चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, मतगणना 19 जुलाई को होनी थी. खंडपीठ ने कहा कि पंचायत चुनावों पर यह रोक अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी.
गुरुवार को को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
महाधिवक्ता एसएल बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार की ओर से बहस करते हुए दोहराया कि पिछड़ा वर्ग समर्पित आयोग की रिपोर्ट के बाद आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित करना एकमात्र विकल्प था, नौ जून जारी नियमावली का 14 जून को गजट नोटिफिकेशन हो गया था जबकि याचिकाकर्ताओं ने उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम व संविधान के अनुच्छेद 243 टी व अन्य का उल्लेख करते हुए कहा कि आरक्षण में रोस्टर अनिवार्य है, यह संवैधानिक बाध्यता है ।