चमोली

प्रधानमंत्री से अपील “जोशीमठ के दूरस्थ गावों को “वाईव्रैंट विलेज/जीवंत ग्राम योजना के अंतर्गत सम्मलित किए जाने विषयक।”

रिपोर्ट  लोकेन्‍द्र रावत

संलग्‍न पत्र पुष्कर सिंह राणा प्रधान कागा गरपक चमोली ने प्रधानमंत्री को एक पत्र
जिला महामंत्री प्रधान संघ चमोली।

सेवा में
माननीय प्रधानमंत्री महोदय
भारत सरकार
नई दिल्ली

विषय- उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के विकास खंड जोशीमठ के दूरस्थ क्षेत्र के गावों को “वाईव्रैंट विलेज/जीवंत ग्राम योजना के अंतर्गत सम्मलित किए जाने विषयक।

महोदय
उपरोक्त विषयक आपको अवगत करना है कि 21 अक्तूबर 2021 को आपके द्वारा उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकास खंड के अंतिम गांव माणा जिसको आपके द्वारा देश का प्रथम गांव का दर्जा दिया गया में पहुंच कर एक योजना का अनावरण किया गया था जिसका आपने वाईव्रेंट विलेज/जीवंत ग्राम नाम दिया था जिसके अंतर्गत सीमांत जनपद चमोली के सीमावर्ती क्षेत्र के लगभग नौ ग्राम सभाओ के गावों को शामिल किया गया। लेकिन सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ विकास खंड के जो सबसे दूरस्थ ग्राम सभाओ के गांव है (द्रोणागिरी,जेलम व कागा गरपक) जहां पर पहुंचने के लिए ग्रामीणों को नौ नौ किमीo पैदल का रास्ता तय करना पड़ता है और अपने दिनचर्या के सामानों को पीठ पे लाद के पहुंचाना पड़ता है उन ग्राम सभाओ के गावों को अभी तक इस योजना से वंचित रखा गया जो कि बहुत ही सोचनीय विषय है। वाईव्रेंट विलेज/जीवंत ग्राम का जो मुख्य परिकल्पना है वह शायद ग्रामीणों को इस योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाना व अन्य दिनचर्या की सुविधा मुहिया करवा के पलायन पर रोक लगाना है।मगर मेरा मानना है कि जीवंत ग्राम हमको उन गावों को करना है जहां पर वास्तव में लोगो को रोजगार की सुविधा,स्वास्थ्य की सुविधा और यातायात की सुविधा नही मिल पा रही है,जहां पर लोगो को नौ नौ किमीo पैदल चलकर अपना गांव पहुंचा पड़ रहा है बीमार पड़ जाए तो कंडी व डोली की सहायता से मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है न कि उन गावों को जो विकास की मुख्य धारा सड़क से जुड़े है।महोदय मैं आपको बता दूं कि यदि ग्राम सभा द्रोणागिरी व ग्राम सभा कागा गरपक के किसी भी ग्रामीण के पास मूलभूत संसाधनों जैसे कि नमक,माचिस/आग जलाने की सुविधा समाप्त हो जाती है तो ग्रामीणों को नौ नौ किमीo पैदल चलकर अपनी उस मूलभूत सुविधा/रोजमर्रा के साधन जुटाने पड़ते है।महोदय ऐसा नही है कि उक्त छूटे हुए ग्राम सभाओं के गांव कोई अलग क्षेत्र या अलग दिशा में स्थित है बल्कि उक्त ग्राम सभाओं के गांव भी जिन गावों को वाईव्रेंट विलेज/जीवंत ग्राम योजना के अंतर्गत सम्मलित किया गया उन्ही गावों के अगल बगल में स्थित है।लेकिन इक्कीसवी सदी के तीसरे दशक की समाप्ति पर भी इन गावों को आज तक सड़क,स्वास्थ्य व दूर संचार के साधनों से नही जोड़ा गया।
महोदय जबकि विगत दो ढाई वर्ष से वाईव्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत सिर्फ ग्रामीणों से कार्य योजना मांगी जा रही है धरातल पर कोई भी कार्य योजना का अभी तक प्रोग्रेस में दूर दूर तक नही दिखाई दे रही है जबकि वाईव्रेंट विलेज योजना से पहले नीती माणा घाटी मे बीएडीपी (बॉर्डर एरिया डेप्लोमेंट प्रोग्राम) के तहत करोड़ो रुपए की योजनाओं का काम किया जाता था। लेकिन विगत ढाई वर्ष से कोई भी कार्य इन घाटियों में नही किया जा रहा है।

पुष्कर सिंह राणा
प्रधान कागा गरपक
जिला महामंत्री प्रधान संघ चमोली।

प्रतिलिपि
1.माननीय गृहमंत्री भारत सरकार।
2.माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार।

अन्‍य खबरो के लिए नीचे लिंक पर जाए। 

युटयुब चैनलhttps://www.youtube.com/channel/UCVCkmiPBWlGDz-Vyi8c2Xlg

फेसबुक पेजhttps://www.facebook.com/Voicemountains

व्‍हाटअपhttps://chat.whatsapp.com/KX9oESnS9NHE5fGoUMwOs

Contact- jagjigyasu@gmail.com  9811943221

Related Posts