देवभूमि उत्तराखंड में बैठकी होली की शुरुआत होने लगी है। रिपोर्ट
रिपोर्ट VOICE OF MOUNTAINS पहाडो की आवाज
देवभूमि उत्तराखंड में बैठकी होली की शुरुआत हो गई है। पहाड़ के लोगों में होली को लेकर अभी से ही खासा उत्साह देखने को मिल रहा और इसकी अहम वजह है कि बसंत पंचमी से बैठकी होली के गीत और संगीत की महफिलें सजने लगी हैं। ऐसे में जो लोग पहाड़ में नहीं हैं उनका मन भी पहाड़ की बैठकी होली के लिए मचलने लगा है। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों को बैठकी होली की धूम मची हैं। नोएडा के सेक्टर 52 स्थित अंतरक्षिक नेचर सोसायटी में कुर्माचल की महिलाओं ने राग-रागनियों पर आधारित बैठकी होली के रंग बिखेरने शुरू कर दिए हैं। आइए देखते हैं प्रख्यात डांसर सुनैना जोशी की संयोजन में बैठकी होली के रंग।
दिल्ली-एनसीआर में बैठकी होली का आयोजन करते आ रहे वरिष्ठ साहित्यकार प्रदीप वेदवाल बताते हैं कि उत्तराखंड शासन में पूर्व स्थानीय आयुक्त रहे एस डी शर्मा एक लंबे समय तक दिल्ली में बैठकी होली का आयोजन करते रहे हैं। शर्मा के निधन के बाद भी अब दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग जगहों पर कुमाऊँ-मंडल की बैठकी होली की परंपरा बदस्तूर जारी है। दिल्ली-एनसीआर में मनाई जाने वाली कुमाऊं की परंपरागत बैठकी होली में सबसे अहम बदलाव यह भी देखने को मिल रहा है कि युवाओं का रुझान इसमें बढने लगा है। साथ ही साथ गैर उत्तराखंडी समाज की महिलाओं की पहाड़ की बैठकी होली में भागीदारी इस तरह के आयोजनों में अनेकता में एकता भारत की विशेषता को दर्शाती है।
कुमाऊँनी गीत गुलाबी शरारा की धूम इन दिनों चारों तरफ मची हुई है। उत्तराखंडी समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोगों में भी गुलाबी शरारा गीत का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। ऐसे में बैठकी होली में भी गुलाबी शरारा गीत पर हौल्यारिनें जमकर थिरकती नज़र आई।
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