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राष्ट्रीय उत्तरायणी अभियान में जोशीमठ भू धंसाव के ठोस समाधान  और कोरोना मुक्त भारत की कामना

Report/Delhi/NCR/VOICE OF MOUNTANS   Beer Singh Rana
वर्ष 2005 से देशभर में राष्ट्रीय उत्तरायणी अभियान चलाने वाली पर्वतीय लोकविकास समिति द्वारा  नोएडा  स्थित  प्रेरणा भवन में
“जोशीमठ भू धंसाव  : प्रकृति का कोप या मानवजनित आपदा ” पर  विचार गोष्ठीआयोजित की गई।  वहीं भारत के कोरोना से मुक्त रहने और विश्व शांति के लिए सृष्टि रक्षा महायज्ञ का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार को बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार जोशीमठ में आपदा के ठोस निराकरण और प्रत्येक प्रभावित की ठोस  सहायता का  आग्रह किया।
 इस अवसर पर सर्वप्रथम प्रकृति के सम्मान,पर्यावरण चेतना और वैश्विक सुख शांति के लिया सृष्टि रक्षा महायज संपन्न हुआ।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पर्वतीय लोकविकास समिति के अध्यक्ष और उद्योगपति वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने कहा कि हमारी सनातन परंपरा ने हमें पर्वत,नदियों और वृक्षों का सम्मान एवं संरक्षण सिखाया गया है,प्रकृति के दोहन की एक निश्चित सीमा है,यदि हम केवल शोषण करेंगे तो स्थिति खतरनाक ही होगी। जोशीमठ में आई समस्या के समाधान में स्वयं प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार न्यायोचित और प्रभावी कार्य कर रही है,पूरा देश आज जोशीमठ के लोगों के साथ है और सब सहायता करने को तत्पर है।
       समारोह के मुख्य अतिथि शीर्ष शिक्षाविद् और प्रेरणा मीडिया सेंटर के प्रबंधक रामकुमार शर्मा ने कहा कि उत्तरायणी प्रकृति,इतिहास और समाज तीनों से जुड़ी है। पर्वतीय लोकविकास समिति ने प्रकृति के सम्मान,पर्यावरण संरक्षण,राष्ट्रीय एकता और विश्व शांति की अवधारणा के साथ इस उत्सव को जोड़ने का अभियान चलाया है वास्तव में यह  राष्ट्रीय और वैश्विक बन रहा है।
विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ नेता और भाजपा हिमालय परिवार के अध्यक्ष उदय शर्मा ने कहा कि देवभूमि में विकास भी चाहिए लेकिन हमारे भूम्याल देवताओं की भावना के अनुसार तीर्थस्थलों  को पिकनिक स्पॉट बनाने से भी बचाना आवश्यक है। डोबरा चांठी पुल आंदोलन के नेता चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश्वर पैन्यूली ने कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि पृथक उत्तराखंड राज्य बनते ही पहाड़ के लोगों के एक सर्वमान्य पर्व के रूप में स्थापित हुआ उत्तरायणी उत्सव आज समूचे देश का त्योहार बन गया है।
    विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार पर्वतीय न्यूज चैनल के संपादक प्रदीप कुमार वेदवाल ने कहा कि आज पूरा देश जोशीमठ के लोगों के साथ है और सबको पूर्ण विश्वास है कि समय रहते सबका उचित पुनर्वास होगा,लेकिन विकास के मॉडल पर केवल बहस नहीं ठोस क्रियान्वयन भी शुरू होगा ऐसा हमारा पूर्ण विश्वास है।
मीडियाकर्मी शदीपा नयाल देउपा ने कहा कि जोशीमठ में सरकार प्रभावित लोगों को सब प्रकार से सहायता कर रही है,देश के संवेदनशील नागरिकों को भी प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना का भाव रखते हुए उनकी सहायता के लिए तत्पर रहना चाहिए। राष्ट्रीय उत्तरायणी अभियान के माध्यम से हर स्तर पर जोशीमठ के दर्द को व्यक्त किया जाना एक अच्छा संकेत है।
        कवि और  बिजनेस उत्तरायणी के संयोजक नीरज बग्वाड़ी ने इस अवसर पर राष्ट्रीय उत्तरायणी अभियान कविता भी प्रस्तुत की।
विचार विनिमय केंद्र के रिसर्चर रोहित सिंह ने कहा कि हिमालय,गंगा,यमुना और प्रकृति संरक्षण के भाव को उतरायणी के माध्यम से जन- जन तक पहुंचाने का यह अभियान बहुत अनुकरणीय है। इस अवसर पर केशव माधवं गौशाला देहरादून की ओर से तैयार गो उत्पादों दोए,धूपबत्ती और अगरबत्ती के प्रसार के लिए गौशाला के सह संचालक रवींद्र कुमार सहित कई विशिष्ट विभूतियों को भी  सम्मानित किया गया।
समारोह का संचालन करते हुए  राष्ट्रीय उत्तरायणी अभियान के संयोजक प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि उतरायणी को समिति ने वर्ष 2005 से ही क्षेत्र,समुदाय और प्रांत के टैग से बाहर निकालकर प्रकृति ,सूर्य,हिमालय,गंगा और यमुना से जोड़ने की बात कही। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय सहित दिल्ली और उत्तराखंड की सरकारों को इसे राज्य पर्व बनाने की मांग की। 2016 से उत्तरायणी को राजनीतिक अखाड़ा बनाने की कोशिश की गई, दिल्ली में उत्तरायणी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं विशेषकर युवाओं को सरकारी टेंट देकर लड़ाने के प्रयास हुए लेकिन सामूहिक चेतना ने आज उत्तरायणी को केवल दिल्ली एनसीआर ही नहीं पूरे देश में राष्ट्रीय उत्तरायणी अभियान  बना दिया है । वर्ष 2023 की उत्तरायणी जोशीमठ भू धंसाव से पीड़ित  जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े होने,उनकी सुरक्षा और कल्याण को समर्पित है,जिसमें कोरोना मुक्त भारत के साथ विश्व शांति की कामना की जाएगी।
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