उत्तराखंड

करोड़ो रुपये खर्च के बाद भी जो काम नही हो सका, लॉक डाउन  के दौरान हो गया,,,

“सत्यपाल नेगी/पहाड़ो की आवाज,”
गंगा प्रदूषण बोर्ड की हाल मे हुई एक शर्वे से पता चला कि , देवप्रयाग से हरिद्वार तक गंगा का पानी  A श्रेणी मे पाया गया,,लॉक डाउन के दौरान यह सब  मुमकिन हुआ।
 गंगा  को  प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए  सरकारो ने समय-समय पर कही प्रयाग किये,,यहॉ तक कि  गंगा प्रदूषण बोर्ड,,व अन्य कही NGO  का सहारा लिया जाता रहा ।
  2014 से लेकर अभी तक सरकार ने गंगा सफाई को लेकर अरबो रुपए खर्च कर दिये,,कही बड़ी कम्पनीयो/NGOs को  ठेके दिये गये,,मगर गंगा स्वच्छ नही हो सकी। कारण  ईमानदारी से गंगा को प्रदूषित करने वाले ,आश्रमो/होटलो/शहरो/ आवासीय कालोनियों , पर रोक नही लगाई गई,जिससे गंगा आज तक साफ नही हुई।
  आपको बता दे कि जो प्रयास गंगा स्वच्छता  को लेकर सालो से सरकारे अरबो रुपये खर्च के बाद नही कर पाई,,, वही काम कोरोना महामारी के चलते,,लॉक डाउन  के दौरान सम्भव हो गया।
   यानि साफ हो गया कि  गंगा को प्रदूषित करने मे सबसे बड़ा योगदान हम इंसानो का ही है,, अब देखना होगा कि सरकारे इससे क्या सीख लेती है आगे,,गंगा  प्रदूषण  के लिए।
    
अनावश्यक भीड़,, नदियों की किनारे बनाये जा रहे  आवासीय निर्माणों,,व बाजारों  पर शक्ति से  कदम उठाने की जरूर है।
   पहाड़ो की आवाज  ,हमेशा आपके साथ है।

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