आखिरी कब तक सहन करे——-?
आखिरी कब तक सहन करे——-?
साथीयो,, आज कल फिर बन्दरो व सुअरो का आतंक तेजी से बढ़ रहा है,,,,,, आखिर कबतक झेलते रहेगे ग्रामीण किसान इन जंगली आतंकीयों को–? गाँवो मे लोगों ने अपनी फसल– गेहू,,जौ,, सरसो,, एंव साग सब्जियां बोई है,,मगर इन सुअरो व बन्दरो ने लोगों को परेशान कर दिया है,,,,, दुर्भाग्य सरकार व प्रसासन का भी देखे,,, जबकि इन्हें कम होना चाहिए था,,,,,पर इनकी संख्या ,चौगुना बढ़ रही है,,,,क्यो–???
कही ऐसा फिर तो नही हो रहा कि कुम्भ आने से पहले इन्हें हरिद्वार से पहाड़ो मे छोड़ा जा रहा हो–?
आखिर ,, गम्भीर समस्या बनते जा रहे है ये जंगली जानवर ,गाँवो व पहाड़ो मे,,,,,,, कोई माई का लाल तो उठाये कदम—–???????????
सत्यपाल नेगी–स्वतन्त्र लेखक,,पहाड़ो की आवाज से