उत्तराखंड टंगरोली गांव की लहराती खेती देखे।यदि हो चकबंदी एंव खेती पर नीतियां बने फिर क्यों न हो पहाड आबाद। Tags: Post navigation Previous Previous post: कल्जीखाल- नलई गांव मे टावर न होने से डिजिटल इंडिया का नारा फेल, डांगी जी ने की प्रतिनिधियो से बात।Next Next post: लोकेश गैरोला और सुनीति गैरोला के नेतृत्व में उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला पहुंची बाल पंचायतों के बीच Related Posts जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोवल वार्मिंग । उत्तराखण्ड के किसान इन बातो का ध्यान रखे। विधिक सेवा प्राधिकरण द्धारा बहुउद्देशीय शिविर का सतपुली मे आयोजन किया गया! श्री बदरीनाथ धाम गाडू घड़ा ( तेल कलश ) यात्रा 2023 Leave a Reply Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.