उत्तराखंड टंगरोली गांव की लहराती खेती देखे।यदि हो चकबंदी एंव खेती पर नीतियां बने फिर क्यों न हो पहाड आबाद। Tags: Post navigation Previous Previous post: कल्जीखाल- नलई गांव मे टावर न होने से डिजिटल इंडिया का नारा फेल, डांगी जी ने की प्रतिनिधियो से बात।Next Next post: लोकेश गैरोला और सुनीति गैरोला के नेतृत्व में उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला पहुंची बाल पंचायतों के बीच Related Posts गौचर व चिंयालीसैड के लिए शुरू हुई हैली सेवाएं हरीश रावत के विरुद्ध भाजपाई नेताओं का विशवमन असहनीय -धीरेंद्र प्रताप उत्तराखण्ड रोडवेज बस कंडक्टर की मनमानी दिल्ली से घनसाली बस मे केवल 5 सवारी लेकर गया। Leave a Reply Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.