उत्तराखंड टंगरोली गांव की लहराती खेती देखे।यदि हो चकबंदी एंव खेती पर नीतियां बने फिर क्यों न हो पहाड आबाद। Tags: Post navigation Previous Previous post: कल्जीखाल- नलई गांव मे टावर न होने से डिजिटल इंडिया का नारा फेल, डांगी जी ने की प्रतिनिधियो से बात।Next Next post: लोकेश गैरोला और सुनीति गैरोला के नेतृत्व में उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला पहुंची बाल पंचायतों के बीच Related Posts हरीश रावत के विरुद्ध भाजपाई नेताओं का विशवमन असहनीय -धीरेंद्र प्रताप हतास व निराश पहाड़ी क्षेत्रों के आलू उत्पादक ! बेतालघाट महोत्सव में मेले का उठा रहे ग्रामीण लुफ्त्त 9 से 11 को होगा संस्कृति का संगम । Leave a Reply Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.