चमोली

जोशीमठ-सोना सुबह का अपमान है और झुकना जवानी का-प्रोफेसर प्रीति कुमारी

रिपोर्ट  कमलेश पुरोहित

“सोना सुबह का अपमान है/झुकना जवानी का अपमान है/रुकना अपमान है लहर का/ रोना कहानी का अपमान है”— इस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ के करियर कॉउंसलिंग और नियुक्ति प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में आज विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतियोगी युवाओं का आह्वान करते हुए ये शब्द महाविद्यालय की कर्मठ प्रचार्य प्रोफेसर प्रीति कुमारी ने कहे। प्राचार्य ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के लिए सरकारी नौकरी के साथ साथ स्वरोजगार के क्षेत्र में भी असीमित अवसर उपलब्ध हैं और डिजिटल तकनीकी का सदुपयोग करते हुए सुनिश्चित लक्ष्य, आत्मविश्वास, योजनाबद्ध तैयारी, अनुशासन और कठोर परिश्रम जैसे बीज मन्त्रों से द्वारा बड़े से बड़े लक्ष्य को साधित किया जा सकता है ।

कार्यशाला में बीज व्याख्यान देते हुए इतिहासकार डॉ. रणजीत सिंह मर्तोलिया ने कहा कि अध्यन्न की निरंतरता, अध्यवसाय और एक समय में एक लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए युवा प्रतियोगी आगे बढ़ सकते हैं। डॉ. मर्तोलिया ने कहा कि नौकरी के बड़े लक्ष्य हमेशा एस्पिरेशनल मिडल क्लास और निम्न मिडल क्लास ने हासिल किए हैं क्योंकि इन वर्गों में संघर्ष की क्षमता अधिक होती है । कार्यशाला में दूसरे वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. चरणसिंह केदारखंडी ने स्वरोजगार के क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साधनों की चर्चा की । केदारखंडी ने कहा कि युवाओं का परिवार और परिवेश, उनकी मित्र मंडली, चिंतन धारा, सत्य का निरंतर साथ और सद्साहित्य का चिंतन आदि मूल्यों के बल पर युवा पीढ़ी महानतम और दुःसाध्य लक्ष्यों को भी हासिल कर सकती है। करियर कॉउंसलिंग और नियुक्ति प्रकोष्ठ के प्रभारी अधिकारी डॉ. गोपालकृष्ण सेमवाल ने सभी उपस्थित अतिथियों, शिक्षकगणों और प्रतियोगी विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। डॉ. नवीन पंत के कुशल मंच संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर सत्यनारायण राव, डॉ. पवन कुमार, डॉ. नवीन कोहली, डॉ. राहुल मिश्रा, डॉ. शैलेन्द्र सिंह रावत, डॉ. धीरेन्द्र सिंह, हरीश नेगी, थान सिंह कंडारी आदि लोग उपस्थित रहे ।

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