सतपुली नयार नदी त्रासदी के 72 बरस पूरे, आज भी लोगों के जेहन में जिंदा हैं तबाही के मंजर “

14 सितंबर 1951 को नयार नदी में आई प्रचंड बाढ़ में जीएमओयू के 30 चालक-परिचालक नदी के आगोश में समा गए थे. आज भी बुजुर्गों के जुबां पर तबाही के वो मंजर उतर आते हैं
.
पौड़ीः14 सितंबर 1951… आज से ठीक 72 साल पहले पौड़ी के सतपुली सैंण में बहने वाली नयार नदी में आई प्रचंड बाढ़ के मंजर आज भी बुजुर्गों के जेहन में जिंदा हैं. बाढ़ में उस वक्त की एशिया की सबसे बड़ी मोटर कंपनी गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू) की 22 बसें समेत 30 चालक-परिचालक आपदा का शिकार हो गए थे. आपदा तब आई थी, जब सभी चालक-परिचालक मुख्यालय में बसें खड़ी कर आराम फरमा रहे थे. सतपुली के बुजुर्गों के जेहन में आज भी दैवीय आपदा का जख्म है. वह बताते हैं कि पौड़ी का हृदय स्थल माने जाने वाले सतपुली सैंण में ठीक आज से 72 साल पहले 14 सितंबर 1951 को पूर्वी नयार तट पर जीएमओयू के चालक-परिचालक मुख्यालय में बसें खड़ी कर आराम फरमा रहे थे. सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक नयार नदी में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया. इसके बाद बाढ़ में 22 बसों में सुस्ता रहे 30 चालक-परिचालक नयार नदी के आगोश में समा गए.
नयार नदी के भेंट चढ़े चालक-परिचालक की स्मृति में जीएमओयू ने 60 की दशक में सतपुली बाजार से दो किलोमीटर आगे सिमराली तोक में शिलालेख बनाया. हर साल 14 सितंबर को शिलालेख में जीएमओयू की ओर से पुष्प अर्पित किए जाते थे. लेकिन 70 के दशक के बाद जीएमओयू द्वारा चालक-परिचालक की स्मृति में शिलालेख की सुध लेना भी बंद कर दिया.सतपुली के ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में सतपुली नयार नदी के दोनों तरफ बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो गई हैं. 14 सितंबर 1951 के बाद सतपुली की जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई है. सरकार ने तहसील से लेकर नगर पंचायत का दर्जा भी दे दिया है. विकास की अंधी दौड़ में सतपुली नयार पर अतिक्रमण और नदी में अवैध खनन भी हो रहा है. ऐसे में सतपुली नयार नदी की मौजूदा स्थिति को देखकर बड़े बुजुर्ग को फिर से डर सताने लगा है!
इस घटना पर गीत आज भी न्यार घाटी क्षेत्र मे प्रचलित है।
अन्य खबरो के लिए नीचे लिंक पर जाए।
युटयुब चैनलhttps://www.youtube.com/channel/UCVCkmiPBWlGDz-Vyi8c2Xlg
फेसबुक पेजhttps://www.facebook.com/Voicemountains
व्हाटअपhttps://chat.whatsapp.com/KX9oESnS9NHE5fGoUMwOs
Contact- jagjigyasu@gmail.com 8851979611