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प्रेमचंद अग्रवाल का राज्य आंदोलनकारी के साथ रवैया शर्मनाक- धीरेंद्र प्रताप

उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड सरकार के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा 10% आरक्षण को जल्दी लागू किए जाने की मांग को लेकर वार्ता करने पहुंचे आंदोलनकारी प्रतिनिधियों के साथ किए गए व्यवहार को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि पिछले एक-दो सालों में जो घटनाएं घटी हैं उससे साफ लगता है कि सत्ता प्रेमचंद अग्रवाल के दिमाग में भर गई है और उसके घमंड में समाज के किसी भी तबके से बातचीत करते हुए शिष्टाचार क्या होता है उनके स्वभाव में दिखाई नहीं देता।

उन्होंने कहा कि भारत में हिंदुओं की किताबें शिष्टाचार के करोड़ों उदाहरणो से भरी है । जिसमें आगंतुक का सम्मान किस तरह से किया जाता है उसका अध्ययन प्रेमचंद अग्रवाल को करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी प्रेमचंद अग्रवाल के पास कोई भीख मांगने नहीं गए थे अपना हक मांगने गए थे लेकिन जिस तरह का वीडियो वायरल हो रहा है उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि वह तानाशाह से ज्यादा कुछ प्रतीत नहीं होते । उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल को और भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राज्य आंदोलनकारी से उनके कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी क्षेतिज आरक्षण का जो सपना था उसे (धीरेंद्र प्रताप) वे स्वयं लाए थे परंतु यह दुर्भाग्य है कि भाजपा ने पहले अपने गवर्नरो के जरिए इसे रोकै रखा और पिछले 7 सालों से लोग इस कानून को बनते हुए देखने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब भाजपा का राज्य का नेतृत्व इस मसले को लेकर अगले लोकसभा चुनाव में वोटो की खेती पैदा करना चाहता है परंतु उन्होंने कहा कि भाजपा को सनद रहनी चाहिए की जनता बेवकूफ नहीं है और उसके काम करने के तरीकों का वह समय पर मूल्यांकन करेगी और भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ेगा।

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