हरिद्वार-संस्कृत विश्वविद्यालय में जल संरक्षण पर आयोजित हुई संगोष्ठी
रिपोर्ट कमलेश पुरोहित
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय बहादराबाद में आज दिनांक 17/08/2024 शनिवार को विकसित भारत अभियान के अन्तर्गत जल संरक्षण एवं स्वच्छता अभियान विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसमें संगोष्ठी के मुख्य वक्ता गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राकेश भूटानी ने जल संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी साझा करते हुए भूमिगत जल स्तर में होने वाली कमी के कारणों जैसे कि सिंगल यूज प्लास्टिक व वनों के अंधाधुंध कटान तथा शहरीकरण जैसे गंभीर विषयों पर विस्तार से चर्चा की!
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पीने योग्य जल का अभाव होने लगा है विश्व के अनेक देशों में जल संकट उत्पन्न होने लगा है ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब जल के लिए विश्व युद्ध जैसी स्थिति बन जाए!
डॉ भूटानी ने कहा कि प्राचीन समय में पृथ्वी में जल सबसे सस्ता और सबसे सुलभ संसाधन हुआ करता था जो कि आज अति दुर्लभ होता जा रहा है, जल के संरक्षण एवं इसे दूषित होने से बचाने के लिए आज आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति इस कार्य को अपना नैतिक कर्तव्य समझे जिससे भविष्य में हमारे आने वाली पीढियों को भी पीने योग्य जल सुलभता से प्राप्त हो सके।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉक्टर प्रकाश चंद्र पंत ने कहा कि संस्कृत साहित्य में आंतरिक व बाह्य स्वच्छता के बारे में विस्तार से बताया गया है डॉ पंत ने बोतल बंद जल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियों के देशवासी होते हुए भी हमें आज पीने योग्य जल के लिए जूझना पड़ रहा है ऐसे में यह सोचने या विषय है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं।
इस अवसर पर डॉ उमेश शुक्ला, डॉ श्वेता अवस्थी, डॉ अजय परमार, डॉ विनय कुमार सेठी, शिक्षा शास्त्री विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ अरविंद नारायण मिश्र और शिक्षा शास्त्री के छात्र अध्यापक और शोध छात्र उपस्थित रहे।
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