पौडी

पौडी – कहां है आज स्‍वच्‍छता अभियान एक समय मे बडे बडे लोग ब्रोड एम्‍बेसडर बने थे।

भारत सरकार द्वारा स्वच्छता मिशन के स्वच्छ भारत अभियान की की शुरुआत पूज्य बापू महात्मा गांधी जी के जन्मदिन २ अक्टूबर वर्ष २०१४से माननीय प्रधानमन्त्री जी के द्वारा राजपथ से स्वंय स्वच्छीकरण का बीड़ा उठाया था तत्पश्चात देश की महान हस्ती जैसे सचिन तेन्दुलर आदि के द्वारा देश की जनता में स्वच्छ भारत अभियान की जागरूकता हेतु प्रचार प्रसार किया गया था और फिल्म हस्ती अमिताभ बचन को महात्मा गांधी जी के चश्मे के लोगो के साथ इस स्वच्छ भारत अभियान का ब्रांड अम्बेसडर बनाया गया जिसके फलस्वरूप कुछ समय के लिए ही सही देश के हर राज्य में नेताओं के अन्य कलाकारों ने भी स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया था यहाँ तक कि सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, अन्य सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों ने अपना सहयोग बखूबी निभाया था स्वच्छता मिशन ही स्वस्थ शरीर,का मूल मंत्र है यदि हमारे आसपास का वातावरण, पर्यावरण, नदियाँ -नाले सुस्वच्छ रहेंगे, तो मनुष्य अनेकानेक बिमारीयों से अछूता रह सकता है गंदगी के कारण ही हमारे शरीर के भीतर अनेकानेक रोग प्रवेश कर जाते हैं आपने स्वयं भी महसूस किया होगा कि गंदगी के कारण शहरों में घनी वस्तियो में करोना की महामारी अधिक या विकराल रुप ले चुका था इसलिए यह पहल उचित प्रतीत होती थी परन्तु आज भी शहरों और गांव में गंदगी के अम्बार लगा हुआ है स्वच्छ भारत अभियान को और कारगर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा १५वाँ वित्त (टाइड फण्ड) के लिए बजट आबंटित किया होगा। कार्य योजना का नाम -कूडा पृथकीकरण केन्द्र निर्माण हेतु धनराशि प्रत्येक ग्राम पंचायत, नगर पंचायत एवं समस्त निकायों को आबंटित किया गया है साथ उक्त कूडा पृथकीकरण केन्द्र के लिए कूडा संकलन के लिए विकास खण्ड मुख्यालय या अन्य निकायों के लिए एक केन्द्र का निर्माण किया गया है जिसमें सम्बन्धित क्षेत्र का कूडा इक्ट्ठा किया जा रहा है एक ग्राम पंचायत में जितने गाँव सम्मिलित हैं उस हिसाब से बजट आबंटित किया होगा।ग्राम पंचायत दलमोटा में लोहे से निर्मित दो डिब्बे कूडा पृथकीकरण केन्द्र के रुप में सड़क में रखे गये हैं जिनका छायाचित्र निम्नांकित है जिनकी व्यय धनराशि प्रति डिब्बे की ₹३५०००=(पैतीस हजार) अंकना की गयी है जिन पर अभी जंक लगना प्रारम्भ हो चुका है यदि इनके वास्तविक मूल्याकंन किया जाए तो मात्र ₹ १५०००= भी नहीं होगा। ये भ्रष्टाचार का का खुला खेल चल रहा है यदि एक छोटी ग्राम पंचायत में इतनी धनराशि व्यय की गई है तो बडी ग्राम पंचायत या नगर निगम आदि में व्यय की गई धनराशि का आंकलन या मूल्याकंन किया जाए तो इसमें बहुत बड़ा घोटाला उजागर होने की पूर्ण सम्भावना है इस तरह से स्वच्छ भारत अभियान का मजाक बनकर रह गया है क्योंकि गाँव में कूडा यदा कदा पड़ा है। किसी को कोई दिलचस्पी नहीं है इस तरह से सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है। क्या यही विकास की परिभाषा है उत्तराखंड की जनता को हर स्तर पर घोटाला एवं भ्रष्टाचार का तोहफ़ा मिल रहा है क्योंकि जनता जनार्दन तो फ्री के चक्कर में आकंठ लालच में फँस चुकी है। क्या होगा इस अर्कमण्य जनता का ईश्वर ही मालिक है जागो उत्तराखंड —-?
सतीशचन्द्र ध्यानी,
सामाजिक कार्यकर्ता

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