नैनीडान्डा के पिपली मे 7 बकरीयों को बाध ने बनाया निवाला। कब तक नैनीडांडा मे मवेशियों का ऐसा हाल होगा।
रिपोर्ट प्रभु पाल सिंह रावत
जनपद गढ़वाल के आखिरी सीमांत प्रखंड नैनीडान्डा के ग्राम पीपली पट्टी इडियाकोट तल्ला निवासी भूपेन्द्र सिंह रावत की दिन में जंगल में चुगाते समय सात बड़ी बड़ी बकरियों को मार डाला। 47 वर्षीय भूपेन्द्र रावत पेशे से खेती बाड़ी का काम करता है,पशुपालन व बकरी पालन ही उसका मुख्य पेशा है।जन्म से अभी तक देश प्रदेश में कहीं भी नौकरी चाकरी नहीं की।उनके पास वर्तमान में 22-23 बकरियां थी जिसमें से अब 15 बकरियां भी रही।वह 28/12/2022 को जंगल में बकरी चुगाने गया था,भरी दुपहरी में तीन बाघ सीधे बकरियों पर झपटे तथा देखते ही देखते सात बकरियों को मार डाला।वे भी किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे। सात बकरियों में से तीन बकरियों की ही लाश मिली,वे भी अधूरे शरीर थे।जबकि चार बकरियों के लाश का कहीं अता पता नहीं है।बाघ ने अचानक धावा बोला,वे इस अचानक हमले से बुरी तरह घबरा गये।
बताते चले यह कोई नया मामला नही है दो सालो से दिगोली से लेकर बराथ गांव मे काफी बकरीयों जंगली जानवरो का निवाला बन गई जिसमे कुछ मिलता ही नही एक गरीब कुछ देहाडी कामता है और हजारों रुपये का निवाला जंगली जानवरो के लिए एक गरीब होले होले यह भी छोड कर घर मे बैठे अब । सरकारो को कोई नीति नही बनी आज तक की पलायन रुके गांव मे लोग रहे तो कुछ जंगली जानवरो को यह आतंक बंद हो गांव के गांव खाली हो रहे है बंजर खेती से पुरा क्षेत्र जंगलो मे तबदील हो रहा है कृषि योजनाऐ और उद्यान योजनाऐ कागजो मे बन तक पहाडो मे दम तोड रही मुख्यमंत्री जी ध्यान दे गरीब क्या गांव खाली करे या उसके पलायन करने पर मजबुर होना है ।
भूपेन्द्र के पास आय का तथा परिवार भरण-पोषण का अन्य कोई साधन नहीं है।वे किसी तरह बकरी पालन-पोषण करके गुजर बसर करते हैं।
क्या उत्तराखंड सरकार इस तरह के निर्धन लोगों को आर्थिक सहायता व मुआवजा देगी? या ऐसे ही बाघ जनमानस व पालतू पशुओं को अपना निवाला बनाता रहेगा।या घोषणाओं तक ही सीमित रहेगा।
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