कोरोना को लेकर इस बार पहाड मे क्यों लापरवाही
Special Report
एक साल से ऊपर हो गया कोरोना अबकी बार महामारी की आफत लेकर आया है 3 3लाख 52 हजार से ऊपर आकडे आ रहे है पर उत्तराखण्ड मे चिकित्सा सुविधा पहले से ही लचर व्यवस्था है लोग पहाड जा रहे है पिछली बार शहरो से आ रहे प्रवासियों केा कोरनटाईन किया जा रहा था पर इस बार ऐसा नही है क्योंकि राज्य सरकार ने उततराखण्ड से बाहर से आने वाले के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आने को बोला है पर उततराखण्ड के शहरो से जो पहाड जा रहे है वह सिधे पहाड जाकर घरो मे जा रहा है उनके लिए कोई नियम कायदे नही ऐसे की कई फोन आए की इनको कैसे पता करे की कोरोना तो नही लोग पहाडो मे डरे हुए है क्योंकि वहां पर कोई व्यवस्था नही ना ही डाक्टर ऐसे मे यदि गांव मे कोराना पहूंचा तो हालत खराब होने का भी डर है एक जिले से दूसरे जिले का नही शहरो से पहाड को जाने वाले का भी नेगेटिव रिपोर्ट लेकर जाने का नियम हो और प्रधान या किसी की गांव मे डयूटी हो की वह चेक करे ताकि गांव मे यह बिमारी न फैले प्रशासन ही नही स्थानीय प्रशासन भी इस ओर ध्यान दे वहां कोई दवा भी नही पहाड मे आवागन की साधन हर गांव से नही है। लोग भी ध्यान दे बाहर से आने वाले से दूरी बनाए रखो मास्क का प्रयोग करे नल बाथ्रूम या अन्य किस वस्तु को छुए तो सेनेटाईर करते रहे बार बार या साबून से हाथो को धोते रहे और बार बार भांप का सेवन करे