लैंसडौन क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधरी,तो करेगें जन आन्दोलन
रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
अनुकृति गुसाई रावत ने कहा कि दुर्भाग्यवश 22 वीं सदी में होने के बाद भी आज एक गर्भवती महिला को चलती बस में बच्चे को जन्म देने को मजबूर होना पड़ा।नैनीडान्डा प्रखंड की ये घटना जहाँ स्वास्थ्य सेवाये पर्याप्त न होने की वजह से गाडी में प्रसव पीड़ा से कराहते हुए अस्पताल पहुंचने से पहले ही बीच रास्ते में जन्म दिया।
नैनीडान्डा व रिखणीखाल राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जहाँ अल्ट्रासाउंड,एक्सरे आदि मशीनें पिछले साल से जंक खा रही हैं,लेकिन उनको चलाने के लिए टैक्नीशियन नियुक्त नहीं है।जिस कारण गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड,एक्सरे आदि के लिए कोटद्वार,रामनगर भागना पड़ता है।नैनीडाडा से कोटद्वार की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है।किसी तरह महिला को बस में धक्के खाते खाते कोटद्वार से पहले ही प्रसव हो गया,तथा बच्ची को जन्म दिया।जिसके चलते खचाखच भरी बस को बीच रास्ते में खाली कराना पड़ा।कितनी शर्म की बात है।
अनुकृति गुसाई रावत ने कहा कि आज मैं ये सवाल उन सभी के लिएजो महिलाओं के सम्मान व अधिकार,बेटी बचाओ बेटी पढाओ की सिर्फ बात करते हैं।आज उत्तराखंड की महिलाए सुरक्षित नहीं है,चाहे वो अंकिता भंडारी हो या कोई अन्य।आये दिन लैंसडौन क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं के प्रसव की खबरें बराबर सुनने को मिलती हैं।
अनुकृति गुसाई रावत ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इन बातों पर गौर करें तथा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं जल्द से जल्द मुहैया करवायें,अगर इसमें सुधार नहीं होता है तो लैंसडौन क्षेत्र की महिलाए और मैं( स्वयं) जन आंदोलन पर उतरेंगे।