पौड़ी-राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित हुआ पुस्तक वितरण सम्मान समारोह
रिपोर्ट जगमेाहन डांगी
राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित हुआ पुस्तक वितरण सम्मान समारोह
‘‘पौड़ी जनपद में प्रतिदिन 20 मिनिट पुस्तकें पढ़ने का अभियान चलाएं’’-
श्रीमती स्वाति एस० भदौरिया,जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल
दिनांक 03.11.2025 सोमवार । कहते हैं अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरन्त समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना और समझना पड़ता है। कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। लोगों और किताबों के बीच की इस बढ़ती दूरी को पाटने की अनोखी पहल माननीय पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत के द्वारा पौड़ी गढ़वाल जिले में देखने को मिली। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, पौड़ी गढ़वाल द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल को राष्ट्रभाषा हिन्दी एवं हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु पुस्तक वितरण के लिए कार्यदायी संस्था बनाया गया। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अन्तर्गत राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु माननीय पूर्व सांसद श्री तीरथ सिंह रावत की अनुशंसा पर पौड़ी गढ़वाल जिले के चयनित 50 इंटर कॉलेजों में हिन्दी साहित्य से संबंधित हिन्दी के महान लेखकों की रचनाओं से समृद्ध एक मिनी लाइब्रेरी की पुस्तकों का वितरण सम्मान समारोह का श्री गणेश दिनांक 03.11.2025 को राजकीय इंटर कॉलेज पौड़ी गढ़वाल में हुआ और मुख्य अतिथि श्रीमती स्वाति एस० भदौरिया,जिलाधिकारी, पौड़ी गढ़वाल ने माँ सरस्वती को माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर पुस्तक वितरण सम्मान समारोह का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पौड़ी गढ़वाल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना, स्वागत गान की प्रस्तुति के साथ हुआ ।
पुस्तक वितरण सम्मान समारोह का सबसे प्रमुख आकर्षण यह रहा कि चार साहित्यकारों (1) श्री नरेन्द्र सिंह कठैत (2) श्री गणेश खुगशाल ‘‘गणी’’ (3) श्री वीरेन्द्र खंकरियाल (4) श्री संदीप रावत को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया एवं इसके पश्चात् चयनित सभी 50 इंटर कॉलेजों को पुस्तकों का वितरण हुआ। इसके साथ ही समस्त चयनित 50 इंटर कालेजों को एक संयुक्त हस्ताक्षरित ( श्री नागेन्द्र बर्त्त्वाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल, श्री गिरिश गुणवंत, मुख्य विकास अधिकारी, श्रीमती स्वाति एस० भदौरिया, जिलाधिकारी ) सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी गढ़वाल स्वाति एस भदौरिया ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज के डिजिटल युग में इस प्रकार की पहल अनूठी है और पुस्तक जीवंत होती हैं । उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी और कार्यक्रम में पहुंचे सभी प्रधानाचार्यों से अनुरोध किया कि वह विद्यालय में अवश्य ही एक पुस्तकालय या किताब कॉर्नर विकसित करें । जहां कि छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य रूप से 20 मिनट किताबों को पढ़ने का समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि पुस्तकें अमर होती हैं और यह ज्यादा प्रभावित करती हैं। उन्होंने पूर्व सांसद का आभार प्रकट करते हुए पुस्तक प्रेमी बनने का आह्वान किया और मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल श्री नागेन्द्र बर्त्त्वाल को निर्देश दिया कि जनपद के सभी शैक्षणिक संस्थाओं में प्रतिदिन सभी छात्र-छात्राओं एंव अध्यापकों के लिए प्रतिदिन 20 मिनिट तक पुस्तकें पढ़ने का अभियान चलाएं जिससे पठ्न-पाठ्न की संस्कृति विकसित होती रहें।
माननीय पूर्व सांसद श्री तीरथ सिंह रावत के हवाले से उनके संदेश में कहा गया कि – कोविड काल के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विश्व का नेतृत्व करने के लिए नई शिक्षा नीति में हिन्दी शब्द को जोड़ा । मोदी जी का सपना है कि हिन्दी राष्ट्रभाषा के रूप में नहीं बल्कि विश्व भाषा के रूप में प्रचलित हो । यह कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सपनों को साकार करने की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है। नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा को जोड़ने की पहल भी हो रही है। राष्ट्र की एकता और पारस्परिक विचार-विनिमय के राष्ट्रीय गौरव और स्वाभिमान के लिए यह आवश्यक है कि राष्ट्रभाषा हिन्दी का व्यापक प्रचार-प्रसार हो और सामान्य जनजीवन में नीचे तक पहुंचे
साहित्यकार श्री वीरेन्द्र खंकरियाल ने कहा कि ‘‘ सम्मान प्राप्त होने पर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है और साहित्य लेखन हेतु प्रेरणा मिली है। जहां एक ओर ए.आई के इस युग में आधुनिक टेक्नोलॉजी से लेखन प्रभावित हुआ है वहीं इस तरह के आयोजन से नई पीढ़ी लाभान्वित होगी। पुस्तक वितरण सम्मान समारोह के सफलतम आयोजन के लिए आयोजनकर्ताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’’
साहित्यकार श्री संदीप रावत ने कहा कि ‘‘ आज सोशल मीडिया के इस दौर बच्चों में पुस्तकों के प्रति रुचि कम हो रही है।माननीय पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत जी द्वारा विद्यालयों को पुस्तक वितरण एवं सम्मान कार्यक्रम विद्यालयों में अध्यापकों और छात्रों को पठन-पाठन के लिए प्रोत्साहित करने वाला है। साथ जी इस गरिमामयी कार्यक्रम में पौड़ी जनपद के तीन अन्य वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ लेखन हेतु मुझे भी माननीय मुख्य अथिति जिलाधिकारी महोदय, पौड़ी द्वारा सम्मानित किया गया। इसके लिए माननीय मुख्य अथिति जिलाधिकारी महोदय , पौड़ी जिले के मुख्य शिक्षाधिकारी, श्री मुकेश शर्मा जी एवं आयोजक मंडल का हार्दिक धन्यवाद।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विद्या शरण, सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी समग्र शिक्षा पौड़ी गढ़वाल ने कार्यक्रम में शामिल अध्यापकों से सीखने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि पुस्तकें नहीं हैं तो शिक्षा और शिक्षक का न कोई महत्त्व है और न ही कोई स्थान। पुस्तकों में समाया ज्ञान का भंडार एक अक्षय निधि है। विद्यालय से आने वाले छात्र-छात्राओं को एक गुरु ही अच्छे संस्कार देता है, लेकिन पुस्तकें गुरुओं की भी गुरु होती हैं।
श्री नागेन्द्र बतर्््वाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल ने कहा कि स्कूलों/कॉलेजों में पुस्तकें देकर माननीय पूर्व सांसद श्री तीरथ सिंह रावत जी ने ज्ञान की रक्षा के लिए पुस्तकों की जिन्दगी बचाने का महान कार्य किया है। स्कूलों/कॉलेजों को भवन मिलने के सैकड़ों उदाहरण होंगे, लेकिन पुस्तकें दिए जाने का यह अभियान पौड़ी गढ़वाल जनपद के लिए विशिष्ट उपलब्धि है। सोशल मीडिया के दौर में पुस्तक वितरण सम्मान समारोह का आयोजन अपने आप में बहुत बड़ा कदम है, क्योंकि किताबें वह साधना हैं जिसके द्वारा हम सभी प्रकार की संस्कृतियों के बीच पुल निर्माण का काम करते हैं। माननीय सांसद जी के प्रयास से पौड़ी गढ़वाल जिले के 50 इंटर कॉलेजों को हिन्दी साहित्य से संबंधित पुस्तकें ही नहीं प्राप्त नहीं हुई हैं बल्कि विचारों के युद्ध में पुस्तक रूपी अस्त्र भी प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम के आयोजक, जीआईसी प्राचार्य श्री वेदप्रकाश डोभाल ने कहा कि ‘‘ कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। साहित्यकारों ने ही भारतीय संस्कृति व समाज को अग्रसर किया है चाहे वे संत तुलसीदास हो, रैदास, कबीर दास, रहीमदास हो या मुंशी प्रेमचंद, मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद या रामधारीसिंह दिनकर हों। सभी ने अपने-अपने समय में समाज को साहित्य की कृतियों में उकेरा है साथ ही कहा कि ये पुस्तकें पाठकों के मन-मस्तिक में अजर अमर रहेंगी।’’ कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं सहित गण्यमान्य बुद्विजीवी साहित्यकार, अधिकारी, शिक्षकों की उपस्थिति रही ।
मीडिया को-ऑर्डिनेटर मुकेश कुमार





