चमोली

गोपेश्‍वर-पद्म विभूषण श्री चण्डी प्रसाद भट्ट जी की धर्म पत्नी देवेश्वरी देवी का के निधन से क्षेत्र मे शोक।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद् ओर वनों की रक्षा के लिए विश्व प्रसिद्ध चिपको आन्दोलन के प्रेणता पद्म विभूषण श्री चण्डी प्रसाद भट्ट जी की धर्म पत्नी देवेश्वरी देवी का ११ जून बुधवार को देहांत हो गया। 89 वर्षीय देवेश्वरी देवी उत्तराखंड के विभिन्न जन आंदोलनों में सदेव आगे रही |1970 के दशक में उत्तराखण्ड में शराब बंदी आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली देवेश्वरी देवी सहारनपुर ओर टिहरी जेल में भी रही! अपने पति श्री चण्डी प्रसाद भट्ट के साथ गृहस्थी के साथ ही देवेश्वरी देवी ने उत्तराखंड में सर्वोदय विचार को आगे बढ़ाने का कार्य किया। वना- आन्दोलनों में सदैव आगे रहने वाली देवेश्वरी देवी धार्मिक विचारों की महिला थी।उनका निधन ईलाज के दौरान हुआ। देवेश्वरी देवी की 89 वर्ष की उर्म थी।
जनांदोलनों में अग्रणी देवेश्वरी देवी के निधन पर पूरे गोपेश्वर गांव ओर क्षेत्र में शोक की लहर छा गई।


सामाजिक कार्यों में निस्वार्थ से व्यक्ति तभी कार्य कर पाता है।जब गृहस्थी में उसकी पत्नी का सहयोग मिले। गांधी वादी विचार धारा के समर्पित सिपाही अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित सर्वोदय विचार को गांव गांव तक ले जाने ओर वनों की रक्षा के आन्दोलन में प्रेरक चण्डी प्रसाद भट्ट द्वारा समाज संकल्प की सिद्धि व्रत में सफलता तभी मिल सकी।जब उनकी पत्नी ने योगदान दिया। गृहस्थी,खेती, बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी सम्भाली ।ओर पति से कभी शिकायत नहीं कि समय परिवार को दिजिए।सदैव ये ही कहा की पूरा समाज अपना परिवार है।

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