27 दिसंबर दिल्ली– बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था पिछले दो सालों से उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों के बच्चों को पहचान दिलाने के लिए दिल्ली में एक बहुत बड़ा मंच तैयार करती आ रही है। उनके प्रयास से बहुत से बच्चे संगीत की दुनिया मे अपना सिक्का जमा रहे हैं तो कुछ ने अपना यूट्यूब चेन्नल बना खुद को स्थापित भी कर लिया है। उत्तराखंड के बच्चों के लिए संस्था के उल्लेखनीय योगदान के लिए लोग न केवल उनकी प्रसंशा कर रहे है अपितु उनके द्वारा शुरू की गई प्रतियोगिता “गित्येर” आज हर संगीत प्रेमी की जुवां पे है ।
संस्था के अध्यक्ष राजपाल पंवार के मुताबिक हालांकि इस बार परिस्थिति अनुकूल न होने की वजह से लाइव प्रोग्राम करना मुनासिब नहीं था ऐसे में संस्था की कार्यकारिणी ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस प्रतियोगिता को निभाने का निश्चय किया ताकि विपरीत परिस्थियों में बच्चों का आत्मविश्वास बना रहे । कार्यकारिणी के इस निर्णय को अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोडा ने सराहा और उन्हें अपना पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया तो संगीतकार रणजीत सिंह, सागर शर्मा व गायिका नेहा खंखरियाल ने निर्णायक मंडल के लिए अपनी स्वकृति दे संस्था के कार्य को आसान बना दिया।
महा सचिव उमेश रावत ने बताया कि इस बार उनको दूर दराज के गांवों से बच्चों की कुल 42 वीडियो प्राप्त हुई जिसमें उनके कुछ मित्रों ने भी सहयोग दिया। इन सभी वीडियो को निर्णायक मंडल के सम्मुख रखा गया जिनमें से सबसे बेहतरीन 10 बच्चों का चुनाव किया गया जिनके बीच फेसबुक के माध्यम से तीन चरणों मे प्रतियोगिता रखी गयी और अंत मे प्रतियोगिता की प्रथम विजेता रही तंगोली गांव पौड़ी की अंजली भट्ट वही द्वितीय स्थान प्राप्त किया गोविंदपुर पौड़ी की मीनाक्षी रतूडी ने तो तृतीय स्थान सयुंक्त रूप से पौड़ी के ही प्रभु दयाल ममगाई और टेहरी के गौरव गुंसाला के नाम रहा।
इस प्रोतियोगिता के प्रथम स्थान के लिए 7100 रुपये द्वितीय स्थान के लिए 5100 रुपये व तृतीय स्थान प्राप्त दोनों प्रतियोगियों को 3100- 3100 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किए गए ।