रिखणीखाल- प्रधान जी ने कहा,हमारे गाँव की सड़क पर भारी बोल्डर व मलवा हटवा दीजिए। जवाब मिला हमारे पास 22 सडकें और भी हैं।

रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
ये वाक्या है,लैंसडौन विधान सभा के रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम सिलगांव-चिलाऊं सड़क मार्ग का, जहाँ 11/12 अगस्त, 2025 को भारी बारिश के कारण पहाड़ी से सड़क पर भारी-भरकम बोल्डर व मलवा आ गया था। सड़क यातायात के लिए बन्द हो गई थी,आवा-जाही ठप्प हो गई थी।गाँव वालों की कई प्राइवेट मैक्स वाहन गाँव में व सड़क पर फंसी हुई थी।
इसी परिप्रेक्ष्य में ग्राम पंचायत सिलगांव के प्रधान सत्यपाल सिंह ने लोक निर्माण विभाग लैंसडौन को फोन लगाया कि हमारे ग्राम पंचायत सिलगांव, चिलाऊं की सड़क पर बड़े बड़े पत्थरों की शिलाएं व मलवा पहाड़ी से दरक कर सड़क पर आया है,इसे हटवाने के लिए जे सी बी का प्रबन्ध कीजिए। तो लोक निर्माण विभाग लैंसडौन से जवाब मिला कि हमारे पास ऐसी 22 सड़कें और हैं। एक आपकी ही सड़क नहीं है।उनके इस गैर जिम्मेदाराना जवाब से प्रधान व ग्रामीण हक्के बक्के व अचंभित रह गये।फिर क्या था कि प्रधान ने ग्रामीणों को साथ लेकर आ पहुँचा सड़क पर,और हाथ में उठा लिए बोल्डर, मलवा हटाने के लिए सब्बल, फावड़ा आदि से बोल्डर, मलवा हटाया।जिसमें बीरेन्द्र सिंह रावत, सरत सिंह रावत, स्वयं प्रधान आदि लोग शामिल थे।
ऐसा गैर जिम्मेदाराना जवाब सुनकर प्रधान व गाँव वाले गुस्से में हैं तथा विभाग के प्रति नाराज़गी जतायी है।इस गाँव से 3-4 प्राइवेट मैक्स गाडियां रोज दिल्ली आदि आना जाना करती हैं। सड़क अवरुद्ध होने से लोगों की आवा-जाही ठप्प हो गई है।4-5 गांवों का निर्विरोध प्रधान की शिकायत का कोई असर नहीं दिखाई दिया।आम जनमानस की तो दूर की बात है।कब तक जनप्रतिनिधि को ऐसे जवाबों से दुत्कारा जायेगा?
आपको बताते चले यह कोई नई बात नही सालो से फर्क यही पडा है की नाम उत्तराखण्ड अवश्य हुआ पर व्यवस्थाऐ वही है। आपको बताते चले सालो से पहाड मे यदि विकास के नाम पर कुछ कार्य जैसे स्कूल और रोड तो आप पता करे तो सबसे ज्यादा स्कूल इंटर कॉलेज श्रमदान से ही बनी है जनता इंटर कॉलेज अपने आप मे एक सबुत है ओर श्रम दान से रोड भी बनी गई है यदि आप देखे तो काफी रोड लोगो ने मुख्य रोड से लेकर अपने आप गांव तक बनाई है कौरोना काल मे भी भी लैंसीडाउन मे उदाहरण है की लोगो ने स्वंय चंदा ओर श्रमदान से सडक बनाई सरकार झुटे वादे खरीद फरोक करके करेगी तो वह पैसा कहां से आऐगा ऐसे मे वयस्त रहे ने पर विभाग क्यो पीछे रहे। यह सारी कमी न नेताओ की है न विभागो की यह हमारी जागरुकता एकजुटता की कमी है जिसका फायदा नेता लोग अपने और अपने परिवार के लिए करते है यह भ्रम है की हमारा विकास हो रहा है। अभी त्रिस्तरीय चुनावो मे प्रधान से लेकर क्षेत्र पंचायत ओर जिलापंचायत का पानी की तरह पैसा बहाना और फिर बी डी सी सदस्यो को खरीदा जाना क्या लगता है विकास या………….. सोचे मनन करे
प्रधान के इस कार्य की हम सराहना करते है।