हरिद्वार- उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की बैठक हरिद्वार जिले

रिपोर्ट प्रताप सिंह नेगी
आज दिनांक 26सितंबर 2025 को उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की बैठक हरिद्वार जिले में श्रीमती सुशीला खत्री *प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता एवं प्रदेश महामंत्री श्रीमती ममता बादल के संचालन में संपन्न हुई । बैठक में शहर अध्यक्ष (हरिद्वार )श्रीमती सारिका शर्मा ने बैठक की शुरुआत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऑन की समस्याओं से संबंधित चर्चा के साथ ही समय पर मानदेय नहीं दिए जाने, मानदेय वृद्धि न किया जाने, सुपरवाइजर के रिक्त पदों पर विज्ञप्ति ना निकल जाने, फेस कैप्चर बंद करवाने पर चर्चा की गई। वरिष्ठ कार्य करती प्रतिभा राय द्वारा बताया गया कि कई महीनो से नियमित रूप से मानदेय नहीं आ रहा और ना ही यह पता चल पा रहा है कि कौन से माह का मानदेय दिया जा रहा है, साथ ही भवन किराया काफी टाइम से नहीं आ रहा है ,1 वर्ष से ज्यादा हो गया प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है, (सी बी) कार्यक्रमों का पैसा नहीं दिया जा रहा है। ऑनलाइन कार्य करने में रिचार्ज की समस्या, रिचार्ज धनराशि नहीं , फेस कैप्चर में भी बहुत सारी समस्याएं हैं,
सीमा देवी ने कहा कि लाभार्थी के पंजीकरण के वक्त ही केवल एक बार फेस कैप्चर होना चाहिए,मुख्यमंत्री योजना के अंतर्गत महालक्ष्मी किट हो,चाहे वह केला चिप्स,या बाल प्लस अंडा , दूध हो वह केन्द्रों तक नहीं पहुंच पाता, उस सामग्री को केन्द्रो तक पहुंचने में भाड़ा लगता है जो कि हमें नहीं दिया जाता। आंगनबाड़ी का समय क्या है सुबह से रात तक रिपोर्ट मांगी जाती है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के कार्य के घंटे तय किए जाएं। एक निश्चित समय होना चाहिए क्योंकि उनका भी अपना परिवार है।
बैठक में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने एक एक कर अपनी बात रखी। सभी बातों को प्रदेश अध्यक्ष द्वारा गंभीरता से सुना गया, उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर काम का बोझ अधिक है और मानदेय बहुत कम है, वह भी समय पर नहीं दिया जा रहा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं मानसिक तनाव से गुजर रही है, बहनों के परिवारों की स्थिति आर्थिक रूप से दयनीय हो रखी हैं।संगठन लगातार सरकार एवं विभाग से वार्ता करने का प्रयास कर रहा है लेकिन सरकार की हठ धार्मिता से कोई समाधान नहीं निकल रहा है ,सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों की अनदेखी कर उपेक्षा पर उतारू है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुशीला खत्री ने कहा कि 2024 में सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का वरना स्थगित करते हुए आश्वासन दिया था कि सरकार के स्तर पर मानदेय वृद्धि के लिए कमेटी गठित की गई है लेकिन डेढ़ साल से ज्यादा हो चुका है अभी तक समिति की कोई रिपोर्ट नहीं आई है जिसके चलते समझ तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रिया आकर्षित है और आंदोलन के लिए बाध्य है।
इन सभी समस्याओं को लेकर संगठन का प्रतिनिधिमंडल दिनांक 27 सितंबर 2025 को निदेशालय स्तर पर वार्ता हेतु जाएगा अगर कोई ठोस निर्णय नहीं निकलता तो प्रदेश की समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
बैठक में उपस्थित श्रीमती संयोगिता ,पूनम रानी, उषा सैनी,वैशाली खत्री,रुक्मणी खरे, सारिका शर्मा,प्रवेश ,डिंपल ,अंजू सिंह, प्रतिभा राय, शिखा शर्मा, साजिदा आदि उपस्थित रहे।
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- पहाडो मे बिखरी खेती के लिए चकबंदी एक्ट 2020 को लागु करवाये अपनी जमीने गोलखातो से अपने नाम के लिए तहसीलो को पत्र लिखे चकबंदी से ही स्वरोजगार होगा और पलायन पर लगाम लगेगी। जागरुक बने। प्रधान को इस बार इस संदर्भ से बात करे बैठक करे।