रिखणीखाल- 6 साल बाद भी सड़क अधिग्रहण के निमित्त भूमि का मुआवजा मिलना भी हुआ दूभर।

रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
बेचारे काश्तकारों को 6 साल बीत जाने के बाद भी सड़क अधिग्रहण के निमित्त भूमि का मुआवजा मिलना भी हुआ दूभर।
विदित हो कि लैंसडौन विधान सभा के रिखणीखाल क्षेत्रांतर्गत के लिए द्वारी-भौन सड़क मार्ग से कटकर ग्राम सिलगांव के लिए 5 किलोमीटर सड़क मार्ग मई 2020 में बनायी गई थी।
यहाँ के ग्रामीणों का कहना है कि काश्तकारों को 6 साल बीत जाने के बाद भी सड़क अधिग्रहण के लिए दी गई भूमि का मुआवजा अभी तक नहीं मिल सका।जबकि गाँव के भूमिधारक काश्तकार रिखणीखाल मेें आयोजित तहसील दिवस में भी गुहार लगा चुके हैं। ऐसे में तहसील दिवस आयोजित करने का क्या औचित्य रह जाता है।जिसमें कि जिला स्तरीय सभी विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहते हैं।
यह भी संज्ञान में आया है कि इसी सड़क का द्वितीय चरण का निर्माण कार्य भी लम्बित पड़ा हुआ है।न जाने कहाँ सरकारी फाइलों में पड़ा है या जनप्रतिनिधि की प्राथमिकता में नहीं आता है।भूमि का मुआवजा का भुगतान तो शायद लोक निर्माण विभाग लैंसडौन भूल ही गया है।अभी तक भूमि अधिग्रहण का मौका मुआयना व भूमि के मूल्य का आगणन तक नहीं किया गया है।मुआवजे की धनराशि मिलना तो दूर की बात होगी।ग्रामीण बार-बार शिकायत करते आ रहे हैं, लेकिन कोई उनकी सार खबर तक नहीं ले रहा है।
अब दूसरी बार निर्वाचित हुए प्रधान सत्य पाल सिंह ने बताया कि इतना लम्बा समय गुजरने के बाद भी भूमिधारकों को उनकी भूमि का मुआवजा नहीं मिला है।
ये रिखणीखाल प्रखंड का सीमांत व अति दुर्गम गाँव है।अब यै खबर प्रसारित होने के बाद विभाग पर कोई असर पड़ता है कि नहीं। ये देखने वाली बात होगी।