देहरादून

देहरादून-उत्तराखण्ड राज्य की आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने अपनी मांगो को लेकर दिया धरना, सौपा मुख्‍यमंत्री को ज्ञापन।

आशा हेल्‍थ  उत्‍तराखण्‍ड अपनी कई मांगो को लेकर उत्‍तराखण्‍ड शासन प्रशासन से गुहार लगा रही है पर अभी तक उनकी मांगो पर कोई कार्यवाही न होने उनकी मांगो को सुनने को सरकार तैयार नही है इसी सदर्भ मे  उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन (सम्बद्ध: ऐक्टू) की ओर से 9 जुलाई, 2025 को एक दिवसीय अखिल भारतीय आम हड़ताल में शामिल होते हुए मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी को  ज्ञापन सौपा।

1. आशाओं को मासिक मानदेय नियत करने व डी.जी. हेल्थ उत्तराखंड द्वारा आशाओं के मानदेय को 11500 रूपये करने को लेकर बनाए गए 2021 के प्रस्ताव को लागू करने का आपके द्वारा खटीमा में किया गया वादा तत्काल पूरा किया जाय।
2. आशाओं को न्यूनतम वेतन, कर्मचारी का दर्जा व सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन का प्रस्ताव विधानसभा के इसी सत्र में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाय।
3. जब तक सेवानिवृत्त होने वाली आशाओं को मासिक पेंशन का प्रावधान नहीं किया जाता तब तक रिटायरमेंट के समय दस लाख की एकमुश्त धनराशि दी जाय।
4. आशाओं को विभिन्न मदों के लिए दिए जाने वाले पैसे कई कई महीनों तक लटकाने के स्थान पर अनिवार्य रूप से हर महीने दिया जाय।
5. आशाओं को ट्रेनिंग के दौरान प्रति दिन पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाय।
6. सभी सरकारी अस्पतालों को आशाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने का निर्देश दिया जाय और तत्काल इसका आदेश जारी किया जाय।
7. सभी सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली पदों को तत्काल भरा जाय।
8. सभी अस्पतालों में आशा घर का निर्माण किया जाय।

आशाओं की उक्त मांगों पर यदि संज्ञान नही लिया गया तो आशा हेल्‍थ  उत्‍तराखण्‍ड यूनियन राज्यव्यापी आंदोलन को बाध्य होगी।

ज्ञापन देने मे सभी पदाधिकारी ओर सदस्‍य  शामिल रहे।

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