उत्तराखंड टंगरोली गांव की लहराती खेती देखे।यदि हो चकबंदी एंव खेती पर नीतियां बने फिर क्यों न हो पहाड आबाद। Tags: Post navigation Previous Previous post: कल्जीखाल- नलई गांव मे टावर न होने से डिजिटल इंडिया का नारा फेल, डांगी जी ने की प्रतिनिधियो से बात।Next Next post: लोकेश गैरोला और सुनीति गैरोला के नेतृत्व में उत्तराखंड उत्थान प्रयोगशाला पहुंची बाल पंचायतों के बीच Related Posts मेडिकल टूरिज़्म को मिलेगा बढ़ावा रानीखेत में बनेगा औषधि बागा CBSE की 12वीं बोर्ड की परिक्षा होंगी 1 जुन तक तय होगा सुत्रो के हवाले से गुजडू गढी को पर्यटन क्षेत्र धोषित करने की मांग हुई तेज Leave a Reply Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.