देहरादून

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने ट्विटर पर छेड़ा महा अभियान देश के 73 लाख एन पी एस कार्मिकों ने टवीट

Report- Voice Of Mountains

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने ट्विटर पर छेड़ा महा अभियान देश के 73 लाख एन पी एस कार्मिकों ने 30 जून को पुरानी पेंशन बहाली के लिए ट्विटर पर हल्ला बोला राज्य के 78000 कारण कार्मिकों ने ट्विटर के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली के लिए मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को किए लाखो ट्वीट देश व प्रदेश में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया दिवस पर दिखाई कार्मिक ताकत 1 माह पूर्व से निर्धारित तैयारियों के तहत राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली के ट्विटर अभियान के तहत दिखाई ताकत।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत के नेतृत्व में देश मे चल रहे पुरानी पेंशन बहाली के अभियान को प्रदेश के कार्मिकों ने लाखो ट्वीट कर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय को लाखो ट्वीट किये।

अभियान के बारे में वार्ता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने बताया की 30 जून को अंतराष्ट्रीय सोशल मीडिया दिवस होने के कारण 1 माह से टविटर के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को सरकारों के समक्ष रखा जाना था। क्योंकि 21 वीं सदी सोशल मीडिया की सदी है और आंदोलनों को भी समय के साथ चलना आवश्यक है। इसी क्रम में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वाह्न पर आज राष्ट्रीय ट्विटर अभियान में नम्बर एक पर #RestoreOldPension
#NPS_QUIT_INDIA को ट्रेंड कराकर आज लाखो कार्मिकों द्वारा ट्वीट कर दिखाया गया कि हमारी यह मांग कितनी अहम और जरूरी है। इस के लिए हम प्रदेश के हर कार्मिक का , मीडिया बंधुओ का आभार व्यक्त करते हैं कि आपने हमें भरपूर सहयोग किया।

प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि कोरोना काल मे सोशल मीडिया ही एक माध्यम है जिसके जरिये हम अपनी बात सरकारों तक पहुंचा सकते हैं । हालांकि जमीन पर लड़ाई लड़ने का अवसर जब भी आएगा तब यह आन्दोलम राज्य में एक नया इतिहास लिखेगा।आज लाखो कार्मिक एकता चीख चीख कर कह रही है कि इस नई पेंशन व्यवस्था में हमारा बुढापा सुरक्षित नही है हमें पुरानी पेंशन व्यवस्था लौटा दीजिए आशा हूं प्रधानमंत्री जी कार्मिकों इन मांग को गम्भीरता से लेकर कार्मिकों की मूल समस्या का अवश्य कोई हल निकालेंगे।

प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला ने कहा कि समस्या कहां है तो यह आसान हो जाता है की उसका हल कैसे निकाला जाए। अब जब स्पष्ट है कि नई पेंशन व्यवस्था से कार्मिक संतुष्ट नहीं तो उन्हें उनके हिस्से का हक़ मिलना चाहिए।केवल बातों से कार्मिकों का गुस्सा और बढ़ने की आशंका है इसलिए शीघ्र इसका हल निकाल कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो।

आगे डॉ0 पसबोला ने बताया कि सोशल मीडिया दिवस और कार्मिकों के आह्वाहन को एक नया रूप आज राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने दिया है जिसमे लाखो कार्मिकों ने लगातार लाखो ट्वीट्स के माध्यम से अपनी मांग रखी। हम सारी प्रेस मीडिया का आभार व्यक्त करते हैं कि कोरोना काल मे।कार्मिकों के समर्पण और बलिदान ओव देखते हुए आप कार्मिकों के साथ इस मुद्दे पर मजबूती से खड़े हैं।

प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट ने कहा आज सोशल मीडिया दिवस पर 2004-05 के बाद नियुक्त कार्मिको ने सोशल मीडिया पर यह दिखा दिया है कि हर जगह पुरानी पेंशन बहाली की आवाज़ गूंजती रहेगी। सरकारों को अब समझने की जरूरत है कि अब केवल कोरी बातों से कुछ नही होगा। ससंद में आप लोगो को इसलिए भेजा गया है कि आप इसका हल निकालें अन्यथा की स्थिति के लिए सरकार स्वयम जिम्मेदार होंगी।

प्रदेश महिला उपाध्यक्ष योगिता पन्त ने कहा कि इस आंदोलन महिला प्रतिभागिता के बिना अधूरा है और मातृशक्ति अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए बड़ी बड़ी मुसीबतों से लड़ जाती हैं ये तो मात्र कुछ सरकारें ही हैं।
ट्विटर के इस अभियान से सरकारें अंदाज़ा लगा सकती हैं कि इस मांग से सरकारों और कार्मिकों दोनो का भविष्य जुड़ा है।

प्रदेश संगठन मंत्री रज्जन कफलटिया ने कहा कि संगठन के पक्ष में देखा जाए तो राजनीति हमारा काम नहीं ना ही आंदोलन करना लेकिन जब लगातार किसी मांग को अनसुना किया जाय तो और चारा क्या रह जाता है आने वाला भविष्य कार्मिकों और उनके परिवारों दोनो के लिए उज्ज्वल हो यही हमारी कामना है ।देश के विकास में निरन्तर ईमानदारी से काम करके यदि कार्मिकों का भविष्य और बुढापा ही गर्त में जा रहा हो तो क्या फायदा ऐसे समर्पण और सेवाभाव का। इसलिए सरकार कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाल कर कार्मिकों को कृतार्थ करे और इस नई पेंशन के अभिशाप से मुक्ति दिलाए।

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