उत्तराखंड

स्‍थाई राजधानी आज तक नही बनी पर ग्रीष्‍मकालीन का झुनझुना  क्‍यों?

स्‍थाई राजधानी आज तक नही बनी पर ग्रीष्‍मकालीन का झुनझुना  क्‍यों?

कल मुख्‍यमंत्री उत्‍तराखण्‍ड  द्वारा गैरणैण मे ग्रीष्‍मकालीन राजधानी बनाने की बात कह कर एक झुनझुना जो दिया है समझ के परे है स्‍थाई राजधानी का आज तक किसी भी मुख्‍यमंत्री ने घोषणा नही की न हिम्‍मत दिखाई उततराखण्‍ड की लडाई पहाडी क्षेत्र को विकास की राह दिखाना एक अच्‍छे राज्‍य  का सपना देखा था, परन्‍तु 19 सालो के बाद उत्‍तराखण्‍ड के पहाडो  मे हो रहा पलायन बंजर हो रहे खेत, बंद हो रहे स्‍कूल  की किसी भी सरकार को कोई चिंता नही है बस घोषणा तक रह गई है देखा जाए कोई भी सरकार इसे लेकर संजिदा नही है।

क्‍यो आज तक स्‍थाई राजधानी नही बनना और ऊपर से ग्रीष्‍मकालीन राजधानी कह कर कुछ पार्टीकार्यकताओ को खुश करना गले नही पड रहा फिर दो जगह का खर्चा समझ से दूर है कुछ लोग कह रहे है यह बहूत बडा निर्णय  बहूत बडा निर्णय होता यदि स्‍थाई राजधानी गैरसैण घोषित कर दी जाती।

19 सालो मे अपना न भू कानून हो पाया चकबंदी पर कोई कानून आज तक नही बन पाया पलायन आयोग बना कर कुछ लोगो की रोजी रोटी जोड देना।  कब होगा उततराखण्‍ड के शहीदो के सपनो का उत्‍तराखण्‍ड तब जब गैरसैण स्‍थाई  राजधानी हो पहाड मे विकास हो लोग हिमाचल की तरह पहाड की तरफ आने शुरू हो इस तरह की घोषणाऐ  कागजो मे ही अच्‍छी लगती है ।

संध्‍या रावत, मुख्‍य संपादक

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