पौडी

Breaking कोटद्वार के सिम्बलचौड़ सुखरो पुल में खनन माफियों की करतुत,दो पिलरों का संतुलन बिगड़ा।

रिपोर्ट  नितेन्‍द्र कैंथोला कोटद्वार पौडी

कोटद्वार के सिम्बलचौड़ सुखरो पुल में खनन के कारण दो पिलरों का संतुलन बिगड़ा। अचानक  बीच पुल में आई हल्की दरार। कोटद्वार में कई बड़े नेता है शामिल इसी कारण प्रशासन भी पता नही लगा पाया न समझ पाया । काफी समय से यहां खन्‍न का कार्य चल रहा था यह सरकारी सतर पर था या केसे यह मामला सरकार का है पर सालो से चल रहे खन्‍न की वजह से आस पास की जगह कमजोर हो गई और भारी वर्षा के कारण यह उजागर हो पाया आप देख सकते है फोटो मे कितना अंतर आ गया है यह खतरा भी हो सकता है सरकार संज्ञान ले कार्यवाही करे।

रिवर चैनेलाइज के नाम पर हुए अवैध खनन कोटद्वार के सिम्बलचौड़ सुखरो पुल में खनन के कारण दो पिलरों का संतुलन बिगड़ा। बीच पुल में आई हल्की दरार। कोटद्वार में कई बड़े नेता है खनन व्यापारी जिस कारण प्रशासन भी नही लगा पाता मानकों के विपरीत हो रहे खनन पर रोक।प्रशासन ने पुल पर रोकी आवाजाही

अपना फायदा हमारा नुकसान

रिवर चैनेलाइज के नाम पर हुए अवैध खनन की भेंट चढ़ा सुखरौ नदी का पुल,

कोटद्वार। कोटद्वार तहसील के अंतर्गत सुखरौ नदी में बने पुल का एक पिलर नदी के तेज बहाव के कारण धस गया। जिस कारण पुल 3 से 4 इंच के लगभग धस गया। वहीं पुल का पिलर नदी में हवा में तैर रहा है। वर्तमान में सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय प्रशासन ने पुल पर पूर्ण रूप से आवाजाही को बंद कर दिया है।वर्ष 2009 में प्रदेश में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भुवन चंद खण्डूडी ने पुल का निर्माण करवाया था।
विगत 3 से 4 सालों से सुखरौ नदी में रिवर चैनेलाइज के नाम पर हो रहे खनन जो कि मानकों के विपरीत हो रहा था आज उसी  के कारण पुल पर खतरा मंडरा रहा है। अगर पुल टूटता है तो लाखों की जनसंख्या वाले भाबर का संपर्क कोटद्वार से टूटता। पूर्व में स्थानीय जनता ने रिवर चैनेलाइज के नाम पर हो रहे अवैध खनन का विरोध भी किया था , लेकिन कोटद्वार में तैनात तत्कालीन उपजिलाधिकारी और जिले के जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की एक न सुनी। उस दौरान कुछ लोगो के खिलाफ स्थानीय प्रशासन ने मुकदमा भी दर्ज किया था। वर्ष 2020 में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नदी का सर्वे किया और सर्वे के दौरान उन्होंने उपजिलाधिकारी कोटद्वार को एक रिपोर्ट प्रेषित की थी, जिसमें उन्होंने रिवर चैनल के नाम पर हो रहे खनन को मानकों के विपरीत बताया था और कहा था कि आने वाले कुछ समय में पुल पर भी खतरा मंडरा सकता है। लेकिन कोटद्वार में बैठे तत्कालीन उपजिलाधिकारी और जिले के अधिकारियों ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया।
जिस कारण आज यह स्थिति पैदा हुई कि सुखरौ नदी में बना पुल 3 से 4 इंच धस गया है तो वही पुल का पिलर हवा में तैर रहा है। नदी का पानी पुल के पिलर के नीचे से गुजर रहा है।

इतना खन्‍न की नीव तक नही छोडी

आप को बता दे कि वर्ष 2017-18 से लगातार इस नदी में रिवर चैनेलाइज के नाम पर अवैध खनन किया जा रहा है। जो कि मानकों के विपरीत किया गया। रिवर चैनेलाइज के दौरान सिंचाई विभाग की टीम ने वर्ष 2020 मैं अपनी रिपोर्ट में बताया कि सुखरौ नदी में हो रहे रिवर चैनेलाइज के नाम पर खनन के कारण पुल को खतरा हो सकता है लेकिन कोटद्वार में  तैनात तत्कालीन उप जिलाधिकारी और जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी सिर्फ और सिर्फ खनन माफियाओं के रिश्तेदार बने रहे, और उन्हें भारी मात्रा में इस नदी में खनन करने की अनुमति देते रहे। उसी का नतीजा है कि आज इस नदी में बने पुल का पिलर हवा में लटक रहा है और पुल 3 से 4 इंच धस गया है।

लोक निर्माण खंड दुगड्डा के अधिशासी अभियंता कहते हैं कि देर रात को भारी बारिश हुई जिस कारण पुल का पिलर खाली हो गया। अब उसकी मरम्मत करने की कोशिश की जा रही है।लेकिन लोक निर्माण खंड दुगड्डा के अधिशासी अभियंता भूल गए हैं कि देर रात को कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में कहीं भी बारिश नहीं हुई और ना ही नदी में इतना तेज पानी आया।

खन्‍न के मारण कमजोर नीव करते माफिया

अब देखने वाली बात यह होगी कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण की विधानसभा में हुई इस घटना के बाद क्या पूर्व में रिवर चैनेलाइज के नाम पर हुए अवैध खनन मैं संलिप्त अधिकारियों और अनुज्ञापियो के खिलाफ कोई कार्यवाही होती है या नहीं या आने वाला समय ही बताएगा।

 

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