उत्तराखंड चमोली

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले दस हजार से ज्‍यादा श्रद्वालुओ ने अखंड ज्‍योति के दर्शन किए।

रिपोर्ट  कमलेश पुरोहित चमोली

बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार को ब्रह्मा मुहूर्त में 6:15 पर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए कपाट खुलने के अवसर पर करीब 10000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बद्री विशाल अखंड ज्योति के दर्शन कर ग्रुप कंबल का प्रसाद ग्रहण किया बद्रीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा विधिवत शुरू हो गई बद्रीनाथ धाम में रात से ही दर्शनों के लिए श्रद्धालु कतारों में खड़े होने शुरू कर दिए थे सुबह 4:00 बजे के आसपास से कपाट की प्रक्रिया शुरू हो गई थी पहले दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर ने बद्रीनाथ मंदिर में प्रवेश किया उसके बाद वीआईपी गेट से बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदिरि धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और वेद पार्टियों ने उद्धव जी की उत्सव मूर्ति के 7 मंदिर के अंदर प्रवेश किया उद्धव और कुबेर की मूर्ति को गर्भ गृह में रखने में पहले मां लक्ष्मी को गर्भ ग्रह से बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में विराजित किया गया पढ़ के ही मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदिरि के निर्देशन में द्वार पूजन का कार्यक्रम हुआ पूजा अर्चना के बाद गाड़ी घड़े को मंदिर के अंदर ले जाया गया ठीक सुबह 15:00 बजे जयकारों के बीच बद्री विशाल के कपाट खोले गए
कपाट उद्घाटन में डीसीपी अशोक कुमार जिलाधिकारी हिमांशी खुराना एसीपी श्वेता चौबे विधायक बद्रीनाथ राजेंद्र भंडारी पूर्व विधायक महेंद्र भट भी उपस्थित रहे कपाट दो नौटंकी अवसर पर मंदिर को भव्य रुप से गेंदे के फूलों से सजाया गया था सेना के बैंड की भक्ति में दोनों एवं जय बद्री विशाल के जयकारों के साथ देश विदेश में आए हजारों श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलते चार धाम की यात्रा विधिवत शुरू हो गई ब्रह्म मुहूर्त में खुले भगवान बद्री विशाल के कपाट वहीं दूसरी और आचार्य वेद प्रकाश भट्ट जी ने बताया कि बद्रीनाथ जी के कपाट खुलने के पश्चात लगातार यात्रियों का आना-जाना जारी है बद्री विशाल के दर्शन के बाद बैकुंठ धाम के दर्शन सभीश्रद्धालुओं के लिए खुल चुके हैं जिसमें सभी लोग भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर सकेंगे और वही आचार्य व्यास वेद प्रकाश भट्ट महादेव जी द्वारा पूजा अनुष्ठान प्रारंभ किया गया श्री बदरीनाथ धाम अपना आशीर्वाद बनाए रखे देव भूमि फिर से आबाद हो चकबंदी भूमिबंदोबस्‍ती हो जय बद्रीनाथ की जय।

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