राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी में पन्द्रह-बीस दिनों से लटका ताला,मरीज झोलाछाप बंगाली डाक्टर के पास इलाज कराने को मजबूर।
रिपोर्ट प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल विकास खंड के अन्तर्गत ग्राम द्वारी में सन 1980 से राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है।इन चालीस- पैंतालीस सालों में डाक्टर कभी-कभार ही कुछ दिनों के लिए देखा होगा,शेष एक फार्मासिस्ट के भरोसे ही चल रहा था।अन्य कोई भी कर्मचारी नियुक्त नहीं है।दवाइयों का हमेशा ही अभाव देखा गया है।इस स्वास्थ्य केंद्र पर लगभग बीस पच्चीस गाँव के लोग आवा-जाही व आश्रित हैं। इस मानसून सीजन में क्षेत्र में कई बीमारियाँ जन्म ले रही हैं लेकिन अब जायें तो जायें कहाँ, अस्पताल पर ताला लटका हुआ है।
जानकारी मिली है कि लगभग बीस पच्चीस दिनों से राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका हुआ है,लोगों का कहना है कि यहाँ नियुक्त फार्मासिस्ट को अन्यत्र जगह आपदाग्रस्त क्षेत्र में तैनात व भेजा गया है।क्या यही दुर्गम क्षेत्र का फार्मासिस्ट आपदा में भेजने के लिए रह गया था।अब दूर दराज से मरीज सूचना व जानकारी के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र आकर तथा ताला लटका देखकर मुंह बनाकर बैरंग पैदल वापस जा रहे हैं। उतनी बार महकमें व सरकार को कोस रहे हैं। डाक्टर तो यहाँ नियुक्त होता ही नहीं या फिर इस दुर्गम में रहता ही नहीं, टिकता ही नहीं, न मन लगता है।
यहाँ पर ये भी बता दें कि इस अन्तराल में सिर्फ तीन दिन स्वास्थ्य केंद्र खुला रहा,जो कि सी एच ओ मंजु शर्मा ने खोला।उनका कहना है कि मुझे सिर्फ तीन दिन का खोलने का आदेश था।वो अब पूरा हो गया है।ये जानकारी स्थानीय लोगों से मिली है।अब ऐसे में कैसे काम चलेगा।
सरकार के दावे व घोषणाएं तो हर रोज नये नये होते हैं लेकिन उन दावों, घोषणाओं में रति भर भी दम नहीं है।स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटकने के बाद सक्षम मरीज कोटद्वार, दिल्ली, देहरादून, रामनगर का रुख कर रहे हैं। क्षेत्र में एक राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल भी है जो कि इस जगह से तीस किलोमीटर दूर है,वो भी सिर्फ रैफरल सेन्टर के नाम से जाना जाता है।अब आप ही बताओ,मरीज जाये तो कहाँ जाये?एक कहावत है” बद अच्छा बदनाम बुरा “।
अब स्थानीय लोगों की मांग है कि इस स्वास्थ्य केंद्र में शीघ्र एक डाक्टर, एक फार्मासिस्ट व जरूरत मंद कर्मचारी की नियुक्ति की जाये तथा किराये के भवन पर चल रहे स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाये।कब तक पंचायत भवन में चलता रहेगा।