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मसूरी में शिफनकोट से बेघर किये गये 84 परिवारों के स्थायी पुनर्वास के लिए आंदोलन

Report- Press Note
आम आदमी पार्टी ने आज मसूरी में शिफनकोट से बेघर किये गये 84 परिवारों के स्थायी पुनर्वास के लिए आंदोलन के संबंध में पार्टी कार्यकर्ताओं और शिफनकोट के लोगों पर प्रशासन द्वारा लगाये गये मुकदमों में नोटिस भेजने के संबंध में आज एक प्रेस वार्ता शहीद स्थल पर की।
 
जिसमें “आप* नेता नवीन पिरशाली ने कहा कि मसूरी के शिफनकोट का मामला किसी से छुपा नही है, अब यह मुद्दा संचार के विभिन्न माध्यमों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है, ये उत्तराखण्ड के इतिहास की पहली घटना है जब मसूरी के शिफनकोट में कोविड काल में जब छोटे बच्चों की स्कूली परीक्षा चल रही थी जब इन गरीब लोगों के पास कोविड के चलते कोई इनकम नही थी ऐसे समय में इन लोगों की जीवन भर की कमाई जो इन्होंने हाथ रिक्शा खींच कर और रिक्शा चलकर कमाई थी , एक एक दो दो पीढ़ी की कमाई से अपना आशियाना बनाया था उस आशियाने पर भाजपा की गरीब व दलित विरोधी सरकार की नज़र लग गयी और इस निष्क्रिय सरकार ने इन गरीबों को बलपूर्वक हटाकर इनके घर ज़मीदोज़ कर दिये और पिछले 5-6 महीनों से इन लोगों को मसूरी की सड़कों पर लावारिस हालात में मरने के लिए छोड़ दिया।
इन लोगों ने शासन प्रशासन के हर स्तर पर अपनी गुहार लगायी लेकिन इन गरीबों की आवाज किसी ने नही सुनी, यहा तक की मसूरी के भाजपा विधायक और पालिका अध्यक्ष ने भी इनको दुत्कार दिया और ये ग़रीब लोग इनकी राजनीति का शिकार बन गये।
ऐसी विषम परिस्थितियों में जब सरकार जनहित की सुनवाई नही कर रही थी जनता ने विपक्ष के तौर पर आम आदमी पार्टी से उम्मीद की और शिफनकोट की क्रांतिकारी जनता व आम आदमी पार्टी मसूरी के क्रांतिकारी साथियों ने मिलकर इस आंदोलन को लड़ा। जो पालिका अध्यक्ष बात सुनने को तैयार नही थे उस पालिका बोर्ड को शिफनकोट के हक़ में ज़मीन चिन्हित कर प्रस्ताव पास करके शासन को भेजने के लिये मजबूर किया लेकिन जो भाजपा विधायक ये बोल रहे थे कि ज़मीन चिन्हित होने के दूसरे दिन में इन लोगों के लिये घर बनाने का काम शुरू कर दूंगा वो आज तक गायब हैं।
लेकिन जनता और आम आदमी पार्टी का अभी भी संघर्ष जारी है, लोकतंत्र में हमारी आवाज़ को दबाने की कोशिश हो रही है हमारे कार्यकर्ताओं और शिफनकोट कि जनता पर बार बार मुकदमें लगाये जा रहे हैं, हमें डराने की कोशिश की जा रही है।
नवीन पिरशाली ने सरकार को चेताते हुए कहा कि हम  उत्तराखण्ड प्रशासन और भाजपा सरकार के देश के सबसे खराब ज़ीरो वर्क मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी को बताना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के क्रांतिकारी साथी और शिफनकोट कि क्रांतिकारी जनता आपके डराने से डरने वाली नही है। ये उत्तराखण्ड है और उत्तराखण्ड का जन्म ही आंदोलन से हुआ है हमारे लोगों ने अपने हक़ के लिये अपनी जान तक गवायी है ये ग़रीब व दलित विरोधी सरकार हम पर चाहे कितने मुक़दमे करे हम डरने वाले नही है।
जिस प्रकार जनता अब मन बना चुकी है उससे ये निश्चित है कि 2022 में उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी की सरकार प्रचण्ड बहुमत से आयेगी और हमारी सरकार तमाम जनहित के मुद्दों पर लगाये गये मुकदमों को धारा 321 CrPc के तहत वापस लेगी।
ये संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक शिफनकोट की जनता को न्याय नही मिल जाता।

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