इंदिरापुरम महाकौथिक को लेकर गुटबाजी की कौथिक
इंदिरापुरम महाकौथिक को लेकर गुटबाजी की कौथिक कल एक मिटिगं बैठी जिसमे कुछ लोगो ने इंदिरापुरम महाकौथिक को लेकर राजेन्द्र चौहान पर आरोप लगाया की वह व्यवसाय कर रहे है जिसमे कुछ लोग अध्यक्ष जगत रावत, के अलावा महाकौथिक के पुर्व कार्यकर्ता जैसे विमला भट्ट, सागर रावत, रवि राणा, आंदन सिंह गुसाई, हर्षी राणा, निर्मल इत्यादि थे इन्होने आरोप लगाया देवभूमि उत्तराखण्ड जन कल्याण समिति के बैनर तले जो यह महाकौथिक का कार्यक्रम किया जाता था अब मेले और स्टेज के नाम पर और सम्मान के नाम तक को बेचा जा रहा है।
गौर करने वाली बात यह है यह काम शायद आज नही शुरू से रहा है परन्तु तब शायद अपनी अपनी अपनी नेतागिरी चमकाने के कारण नही बोला गया अब क्यों उत्तराखंड की कला संस्कृति रीति रिवाज गांव खाली हाने पर पलायन होने पर दिल्ली मे कैसे बचाया जा सकता है यह समझ से परे है यह सबको पता है क्या दिल्ली एन सी आर मे ऐसे कार्यक्रम से गांव की यह कला संस्कृति रीति रिवाज बचाये जा सकते है शायद नही। तब यह लोग क्यो नही ऐसे आगे आते शायद तकतक अपनी अपनी दुकान को चलाने के लिए सबसे समर्थन क्यो मांगते है। यदि यह लोग अब जाग रहे है तो क्या यह सब लोग अब गांव गांव जाकर इस तरह के कार्यक्रम करेगे । और यह सबसे प्रश्न है् क्या दिल्ली जो मिटिगं हो रही है उसमे पलायन का मुद्दा, चकबंदी का मुद्दा भूमिबंदोबस्ती का मुद्दा क्यो नही होता हाल मे उत्तर प्रदेश भू कानुन 143 और 154 मे तो संशोदन उत्तराखण्ड सरकार ने किया है उस पर कोई क्यो नही बोलता। यदि उत्तराखण्ड की इतनी चिंता है तो क्यो नही इन मुद्दो पर दुसरे का साथ दिया जाता यह तो एन सी आर की जनता ने कभी नही देखा पर आपसी लडाई और दुकानो के लिए लडाई क्यो दिखावा क्यो। महाकौथिक मे स्टाल मे नाम पर पैसा पहले नही लिया जाता था मंचो पर सम्मान या प्रतिदिन के हिसाब से शो नाम से पैसा लेकर नही दिया जाता था यह सब होता है दिल्ली प्रवास और शहरो मे कौन नही जानता जागो उत्तराखण्ड के लोगो जागो पहाड खाली हो रहा है हम एक कब होंगे जागो पहाड बचावा िदिलली मे नाचो डांस करो पर गांव जडो को देखो समझो िदिल्ली की दुकानो को ।
संध्या रावत